JNU हिंसा का विरोध: क्या बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं अलगाववादी?
गेटवे ऑफ इंडिया पर रविवार शाम को हो रहे प्रदर्शन के दौरान एक युवती हाथ में फ्री कश्मीर की तख्ती लेकर नजर आई.
मुंबई: रविवार को जब जेएनयू में हिंसा की खबर आई तो उसके बाद मुंबई में भी छात्रों की ओर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. कई सारे छात्र मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर अपना विरोध जताने के लिए पहुंचे. उन्हीं में से एक लड़की ने उस वक्त सबको चौंका दिया जब उसके हाथ में "फ्री कश्मीर" लिखी हुई तख्ती नजर आई. सवाल ये था कि जब विरोध जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर हो रहा है तो यहां कश्मीर की आजादी का मुद्दा कैसे सामने आ गया?
अगले दिन गेटवे ऑफ इंडिया पर कई राजनेता भी प्रदर्शनकारियों के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए पहुंचे. उनमें ठाकरे सरकार के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड़ भी शामिल थे. बीजेपी ने इस बात को मुद्दा बनाया कि देश विरोधी तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ ठाकरे सरकार के मंत्री क्यों खड़े हैं? बीजेपी के नेता किरीट सोमैया ने इस सिलसिले में मुंबई पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज कराई और कहा कि उद्धव ठाकरे इस मामले में कार्रवाई नहीं करेंगे.
इस बीच विवादित तख्ती को लेकर प्रदर्शन करने वाली महक प्रभु नाम की युवती ने एक वीडियो जारी किया. इस वीडियो में उसने सफाई दी कि दरअसल वह कश्मीरी नहीं है और महाराष्ट्र की ही रहने वाली हैं. उसने ये तख्ती कश्मीर में इंटरनेट पर लगी बंदिश के विरोध में उठाई थी. युवती के मुताबिक वो एक स्टोरी टेलर है और अक्सर सामाजिक मुद्दे उठाती रहती है. इस युवती के बचाव में शिवसेना भी आ गई. शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी कहा कि लड़की इंटरनेट पर लगी बंदिशों का ही विरोध कर रही थी. इस बीच मुम्बई पुलिस ने गेट वे ऑफ इंडिया पर रविवार शाम से जुटे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया. उन्हें आजाद मैदान लाया गया. बिना अनुमति के गेटवे पर प्रदर्शन करने के आरोप में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा.
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