नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनावों में आज होगा मतदान. मॉर्निंग कॉलेजों में मतदान सुबह 8:30 से 1 बजे तक वोटिंग होगी और ईवनिंग कॉलेजों में दोपहर 3 से 7.30 बजे तक वोटिंग होगी. वोटों की गिनती 13 सितंबर को सुबह 8:30 से शाम 7:30 तक होगी, जिसके बाद नतीजे घोषित होंगे. दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ का चुनाव इस वजह से भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यहां पर जीत और हार का मतलब राष्ट्रीय राजनीति से जोड़कर भी देखा जाता है.
आज होने वाले मतदान के लिए कुल 23 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच ही माना जाता रहा है. हालांकि आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन CYSS और लेफ्ट से जुड़े छात्र संगठन इस बार साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
छात्रों के लिए कड़े नियम
कैम्पस के चुनाव आयोग ने नियम में कई बदलाव किए हैं. वॉल ऑफ़ डेमोक्रेसी को इस बार बढ़ाकर 6 किया गया है. छात्रों को पोस्टर लगाने की अनुमति सिर्फ़ उन्हीं जगहों पर दी गई है. हालांकि इसके बावजूद आर्ट्स फ़ैकल्टी के बाहर बिखरे हुए पोस्टर, पंप्लेट्स प्रशासन और नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे. Prevention Of Defacement Public property by High Court के तहत कमिटी गठित किया गया है जिसमें डीएसडबल्यू के साथ डीएमआरसी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं.
मुद्दे
इस बार छात्र संघ के चुनाव में छात्राओं की सुरक्षा, मेट्रो के रियायती पास, खेल के स्तर पर सुधार, छात्रवृति में वृद्धि जैसे मुद्दे हैं.
लिंगदोह कमिटी पर सवाल
पिछले साल हुए चुनाव को लेकर आरटीआई की रिपोर्ट ने चुनाव में हो रहे ख़र्च पर सवाल खड़ा किया है. आरटीआई को रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले साल कुल 22 लाख रुपए ख़र्च हुए थे जबकि नियम के अनुसार प्रति छात्र 5000 रुपए ख़र्च करने की अनुमति है. इस मामले में चुनाव आयोग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इस बार डीयू में मतदान के 52 केंद्र बनाए गए हैं.
किसका पलड़ा भारी
छात्रों से बातचीत के मुताबिक़ इस चुनाव में एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. हालांकि CYSS की एंट्री से बीजेपी और कांग्रेस के छात्र इकाई का गणित ज़रूर गड़बड़ा सकता है. इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई CYSS लेफ़्ट की AISA के साथ उतरी है. ग़ौरतलब है कि CYSS साल 2015 के बाद पहली बार मैदान में उतरी है. 2019 में हो रहे आम चुनाव को लेकर इस साल छात्रसंघ के चुनाव को अहम माना जा रहा है. युवाओं का रुझान किस पार्टी को लेकर है ये तस्वीर छात्रसंघ चुनाव के बाद उभर सकती है.