DUSU Elections 2023: कल होंगे DUSU के चुनाव, NSUI और ABVP के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला, जानें सबकुछ
DUSU Election: दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले 10 साल में हुए छात्र संघ चुनाव में 7 बार एबीवीपी तो वहीं 3 बार एनएसयूआई ने जीत दर्ज की. इस साल चुनाव में चार पदों पर कुल 24 उम्मीदवार मैदान में हैं.
Delhi University Election: दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव के लिए 22 सितंबर (शुक्रवार) को विभिन्न पदों के लिए मतदान होगा. इस दौरान पूरा कैंपस चुनावी रंग में रंगा नजर आएगा. इस चुनाव में कई उम्मीदवारों के बीच कांटे की होगी.
चुनाव की मतगणना 23 सितंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. करीब 12 बजे से इस चुनाव के रिजल्ट की स्थिति साफ होने लगेगी. नार्थ कैंपस के बॉटनी डिपार्टमेंट के सामने कॉन्फ्रेंस सेंटर में मतगणना होगी. डीयूएसयू के 2019 में हुए चुनाव में एबीवीपी ने चार में से तीन सीटें जीतीं थीं.
ABVP के उम्मीदवार
एबीवीपी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में तुषार डेढ़ा को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा सुशांत धनखड़ को उपाध्यक्ष, अपराजिता को सचिव पद के लिए और सचिन बैसला को ज्वाइंट सेक्रेटरी पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है.
DUSU चुनाव में AISA के उम्मीदवार
वहीं, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) ने अध्यक्ष पद के लिए आयशा अहमद खान, उपाध्यक्ष पद के लिए अनुष्का चौधरी, ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए आदित्य प्रताप सिंह के उम्मीदवार बनाया है.
DUSU चुनाव में एनएसयूआई के उम्मीदवार
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने अध्यक्ष पद के लिए हितेश गुलिया को उम्मीदवार बनाया है. उपाध्यक्ष पद के लिए अभि दहिया और सचिव पद के लिए महिला उम्मीदवार यक्षना शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया. वहीं, अस्सिटेंट सेक्रेटरी पद के लिए शुभम कुमार चौधरी को मैदान में उतारा है.
DUSU चुनाव में SFI के उम्मीदवार
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ( SFI) ने अध्यक्ष पद के लिए आरिफ सिद्दीकी, उपाध्यक्ष पद के लिए अंकित, सचिव पद के लिए अदिति त्यागी, अस्सिटेंट सेक्रेटरी पद के लिए निष्ठा सिंह को मैदान में उतारा है.
NSUI और ABVP के बीच कांटे की टक्कर
बता दें कि इस चुनाव में चार पदों पर कुल 24 उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं, 90 से ज्यादा उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था. हालांकि, एनयूएसआई और एबीवीपी के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र चुनाव के पिछले 10 साल के आंकड़े देखें तो एबीवीपी 7 बार तो वहीं एनएसयूआई ने 3 बार जीत दर्ज की.
ये भी पढ़ें: Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा से मिली मंजूरी, पक्ष में 215 वोट, विरोध में शून्य, अबस्टेन जीरो