नई दिल्ली: कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (डूसू) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य अंकिव बसोया पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया.
जवाब में एबीवीपी ने कहा कि बसोया की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद ही यूनिवर्सिटी ने उन्हें दाखिला दिया था. NSUI ने तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की ओर से भेजा गया एक पत्र जारी किया. NSUI की ओर से मांगी गई जानकारी पर तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ने यह पत्र भेजा था.
कांग्रेस के छात्र संगठन ने कहा कि बसोया की ओर से सौंपा गया बी.ए का सर्टिफिकेट ‘फर्जी’ है. NSUI ने कहा कि एम.ए (बौद्ध अध्ययन) में दाखिले के लिए बसोया की ओर से एक मार्कशीट पेश की गई थी, लेकिन तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ने ऐसे किसी नाम के छात्र को दाखिला देने की बात से इनकार कर दिया और कहा कि उस सीरियल नंबर की मार्कशीट उनके रिकॉर्ड में नहीं है.
एक बयान में एबीवीपी ने NSUI के आरोप को ‘दुष्प्रचार’ करार दिया. एबीवीपी ने कहा, ‘‘दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अंकिव बसोया को दाखिला दिया. यह दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया है. आज भी डीयू को यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे किसी भी छात्र के दस्तावेजों की जांच-पड़ताल का अधिकार है. लेकिन किसी व्यक्ति को प्रमाण-पत्र देना NSUI का काम नहीं है.’’
आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने कहा, ‘‘डीयू को न सिर्फ अंकिव बल्कि डूसू के सभी पदाधिकारियों के दस्तावेज की जांच का अधिकार है ताकि भविष्य में अफवाहों पर लगाम लग सके.’’ पिछले हफ्ते संपन्न हुए डूसू के चुनाव में एबीवीपी को अध्यक्ष सहित तीन पदों पर जीत मिली थी जबकि NSUI ने सचिव पद पर जीत हासिल की थी.
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