नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आज विवेकानंद कॉलेज के 12 तदर्थ (एडहॉक) शिक्षकों की सेवाओं को तत्काल बहाल करने की मांग को लेकर ऑनलाइन विरोध कार्यक्रम *हल्ला बोल* किया, जिसमें मुख्य मांग 12 एडहॉक शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति और डा. हिना नंदराजोग को कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य के कार्यालय से तत्काल हटाने की मांग है. आज के ऑनलाइन विरोध में शिक्षकों के हाथों में तख्तियां दिखीं, जो स्पष्ट रूप से इन शिक्षकों की सेवाओं के नवीनीकरण में अनावश्यक देरी की निंदा करती हैं. 


विवेकानंद कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने अपनी पिछली बैठक में 12 एडहॉक शिक्षकों की सेवाओं को बहाल करने का निर्णय लिया था. लेकिन अब तक कॉलेज की तरफ से उनकी सेवाओं को नवीनीकृत नहीं किया गया है. इस मामले में डूटा अध्यक्ष राजीब रे प्रेस को दी गई जानकारी के जरिए कहते हैं कि डॉ हिना नंदराजोग इस कार्यालय में 5 साल से अधिक समय से हैं और कॉलेज के भीतर और बाहर दोनों जगह उनके सत्तावादी व्यवहार और कार्यों के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के नियमों और अध्यादेशों का सम्मान किया जाना चाहिए और एक नए व्यक्ति को कॉलेज की सेवा करने का अवसर दिया जाना चाहिए. डॉ नंदराजोग के प्रशासन के तहत शिक्षण रोस्टर में हेरफेर किया गया है. 


एबीपी न्यूज ने विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल डा. हिना नंदराजोग से उनके पक्ष जानने के लिए संपर्क किया. एबीपी न्यूज को दिए बयान में डॉक्टर नंदराजोग कहती हैं, "हम नियम के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं."


डूटा सेक्रेटरी राजिंदर सिंह कहते हैं कि यह सुनिश्चित करना डीयू वीसी और दिल्ली सरकार दोनों का कर्तव्य है कि 5 दिसंबर, 2019 "चर्चा के रिकॉर्ड" का उल्लंघन किसी कीमत पर नहीं होना चाहिए. महामारी के इस समय में यह सबसे ज्यादा जरूरी है कि प्रभावित शिक्षकों को और परेशान ना किया जाए और उनके हितों की सुरक्षा की जाए. 


डूटा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाह कुलपति पीसी जोशी से इस मामले में दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है और प्रभावित शिक्षकों की सेवाओं का नवीनीकरण सुनिश्चित करने की अपील भी की है. अगर मांगें नहीं मानी गईं तो डूटा की तरफ से आने वाले कुछ दिनों में आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी गई है.