Constitution Day: परिवारवादी पार्टियां संविधान के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय और देश के लिए बड़ा संकट-पीएम मोदी
PM Targeted Congress: कांग्रेस का नाम लिए बिना पीएम ने वंशवाद को लोकतंत्र के लिए एक बड़ा संकट क़रार देते हुए कहा,"जिस पार्टी ने अपना लोकतांत्रिक चरित्र ही खो दिया वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे करेगी?"
PM Modi Speech: देश में हर साल मनाया जाने वाला संविधान दिवस इस बार सियासी रंग में रंग गया . कांग्रेस और टीएमसी समेत 14 विपक्षी पार्टियों ने इसका बहिष्कार किया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों-इशारों में कांग्रेस और गांधी परिवार पर वंशवाद के बहाने निशाना साधा. संविधान दिवस पर संसद के सेंट्रल हॉल में हुए मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सियासी हमला बोला. कांग्रेस का नाम लिए बिना पीएम ने वंशवाद को लोकतंत्र के लिए एक बड़ा संकट क़रार देते हुए कहा,"जिस पार्टी ने अपना लोकतांत्रिक चरित्र ही खो दिया वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे करेगी?"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद के Central Hall में कहा, अगर योग्यता के चलते किसी परिवार का एक से ज़्यादा व्यक्ति पार्टी में आता है तो कोई बात नहीं, लेकिन समस्या तब होती है जब पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार किसी पार्टी को चलाए.राजनीति में भ्रष्टाचार को एक बड़ी बीमारी बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर दुख जताया की सजायाफ्ता राजनेताओं का महिमामंडन किया जाता है. पीएम ने एक बार फिर कहा की नागरिक अधिकारों के साथ-साथ नागरिकों के कर्तव्य की भी बात होनी चाहिए.
गौरतलब है कि हर साल की तरह इस साल भी 26 नवंबर को संविधान दिवस समारोह मनाने की भव्य तैयारियां की गईं थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू , पीएम नरेंद्र मोदी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत सभी हस्तियां मौजूद रहीं. लेकिन समारोह का रंग तब फीका पड़ गया जब कल रात ही कांग्रेस ने समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर दिया. आज सुबह सुबह होते टीएमसी, एनसीपी , डीएमके , आरजेडी , सपा और शिवसेना जैसी विपक्षी पार्टियों ने भी समारोह के बहिष्कार का फैसला कर लिया.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी पार्टियों के बहिष्कार के फैसले को दुखद बताते हुए कहा, मैं व्यथित हूँ क्योंकि आज का कार्यक्रम पीएम या सरकार का नहीं बल्कि संसद का था. विपक्ष के नेताओं को अगर कोई शिकायत थी तो मीडिया से बात करने से पहले मुझसे बात करते. संसद लोगों की बात उठाने के लिए होती है. लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के नेताओं अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए राष्ट्रपति, पीएम और अन्य लोगों के साथ मंच पर बैठने का इंतज़ाम था और उन्हें इस बात की जानकारी भी दी गई थी.
जाहिर है कि जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों के चुनाव नजदीक आते जाएंगे राजनीति गरमाती जाएगी और सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही एक दूसरे को घेरने और हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे. आज की घटना से 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र की तस्वीर का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.