कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पिछले साल देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था. इस दौरान ट्रेनें भी बंद कर दी गई थी. बाद में धीरे-धीरे ट्रेनें तो पटरी पर दौड़नी  शुरू हो गईं लेकिन ट्रेन के अंदर मिलने वाली सुविधाओं पर बैन ही रहा. दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के खतरे को देखते हुए गाइडलाइन्स जारी की थी जिसके तहत ट्रेनों में खाना बनाना,एसी बोगियों में कंबल, तकिया और चद्दर की सर्विस रोक दी गई थी. लेकिन अब रेलवे ने ट्रेनों में ई-कैटरिंग सेवा को फिर से शुरू कर दिया है. हालांकि कोविड संकट को देखते हुए अभी ये सेवा कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर ही शुरू की जाएगी.


जिन स्टेशनों पर ई-कैटरिंग सेवा दी जाएगी वहां केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों के स्वास्थ्य सम्बंधी सभी नियमों का पालन किया जाएगा.बता दें कि आईआरसीटीसी ने रेल मंत्रालय से चुनिंदा रेलवे स्टेशनों पर ई-कैटरिंग सेवा शुरू करने की अनुमति मांगी थी जिसे रेल मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है.


क्यों सीमित संख्या के स्टेशनों को ही अनुमति मिली है ?  


दरअसल कोविड संकट के असर को अलग-अलग राज्यों और इलाक़ों में अलग-अलग तरह से अनुभव किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. ऐसे में आईआरसीटीसी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर कोविड संकट के तहत हालात को देखते हुए फ़ैसला लेगी कि वहां से कैटरिंग सेवा शुरू की जा सकती है या नहीं. ऐसा करते समय स्थानीय नियमों के साथ स्टाफ़ की उपलब्धता आदि पर भी विचार करना होगा.


ऑनलाइन टिकट बुकिंग के साथ खाना भी कर सकेंगे बुक


गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद मई में स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत हुई थी लेकिन ई-कैटरिंग सेवा को अब तक स्थगित ही रखा गया था. हालाँकि स्टेशनों पर पैक्ड फ़ूड की बिक्री की इजाज़त दी गई थी लेकिन कोविड संकट में ये पहली बार है जब यात्री टिकट बुकिंग के साथ ही अपने लिए यात्रा के दौरान खाना भी बुक करा सकेंगे.


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