नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' के नारे को आगे बढ़ाते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया (कैट) ने स्वदेशी ई-कार्ट 'भारत ई मार्केट' की शुरुआत की है. कैट का दावा है कि इससे विदेशी व्यपारियों को प्रोत्साहन मिलेगा और देश का व्यापार देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाएगा. स्वदेशी कंपनियां भारत के व्यापार से फायदा उठा रही हैं और कई सारे कानूनों को नजरअंदाज कर रही हैं. इसलिए कैट ने स्वदेशी उत्पादों को इंटरनेट के जरिए व्यापक करने का फैसला लिया है.


कैट के अनुसार इस मुहीम के जरिए दिसंबर 2021 तक सात लाख व्यापारियों को ऐप से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं जिस तेजी से देश में इंटरनेट संपर्क और स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है और तेजी के साथ ई-कॉमर्स के जरिए खरीदारी में बढ़ोतरी हो रही है, उसको देखते हुए कैट ने राजधानी दिल्ली में ये ई-कॉमर्स मोबाइल ऐप लॉन्च किया है.


कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
पहले चरण में व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के जरिए अपनी ई-दुकान बनाने के लिए एक मोबाइल ऐप को लांच किया गया है. पहले व्यपारियों के लिए 'ई-दुकान' की व्यवस्था की जाएगी. प्लेस्टोर या एपस्टोर से 'भारत ई मार्किट' डाउनलोड करके व्यपारी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसमें किसी तरह का कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा जबकि अन्य ई कॉमर्स कंपनियां उनके पोर्टल पर हो रहे कारोबार पर 5 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक का कमीशन लेते हैं.


व्यापारियों को मोबाइल ऐप के जरिए अपना पंजीकरण करना होगा और पंजीकरण करते समय उन्हें एक ओटीपी मिलेगा. इसके बाद केवाईसी होने पर कोई भी व्यक्ति बेहद आसानी से अपनी ई-दुकान खुद बना सकता है. ई-दुकान बन जाने के बाद ऐप पर कारोबार किया जा सकता है. कैट का लक्ष्य है कि आने वाले एक साल में 7 लाख से ज्यादा व्यापारी इस ऐप से जुड़ सकें.


इसके दूसरे चरण में उपभोक्ताओं के लिए ऐप तैयार किया जाएगा. कैट के अध्यक प्रवीण खंडेलवाल ने दावा किया के विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए अपनी मनमानी करते हुए देश के नियम और कानूनों का उल्लंघनकर व्यापारियों के व्यापार को जो नुकसान पहुंचाया जा रहा है, उसका मजबूती से मुकाबला यह ऐप करेगा. इन विदेशी कंपनियों के खुद के ईस्ट इंडिया कंपनी के दूसरे संस्करण बनने के इरादों को कैट भारत में कभी सफल नहीं होने देगा.


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने भारत ई मार्किट ऐप के बारे में जानकारी देते हुए बताया की यह ऐप पूर्ण भारतीय होगा, जिसका समस्त डेटा देश में ही रहेगा और डेटा का कोई विक्रय नहीं होगा. इस ऐप में किसी भी प्रकार की विदेशी फंडिंग नहीं होगी.


4 घंटे में डिलीवरी
कैट के अनुसार इस ई कॉमर्स में ऐसी कई सुविधाएं होंगी, जो दूसरे ऐप में नहीं हैं. कैट ने कहा है उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए डिलीवरी सिस्टम आसान किया जाएगा. एक ही शहर में डिलीवरी होगी तो उसे 4 घंटे में उपभोक्ताओं के पास पहुंचा दिया जाएगा.


चीनी सामान का बॉयकॉट
इस ऐप पर चीन का कोई भी सामान किसी भी विक्रेता के जरिए नहीं बेचा जाएगा और खास तौर पर देश के कोने-कोने में फैले स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और अन्य वस्तुओं के छोटे निर्माताओं और व्यापारियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया जाएगा. कैट ने बताया की भारत ई कॉमर्स पोर्टल पर सरकार के सभी नियमों और कानूनों का किसी भी प्रकार से कोई उल्लंघन नहीं होगा. यह पोर्टल केवल एक तकनीकी प्लेटफॉर्म के रूप में व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच पारदर्शी तरीके से सामान और सेवाओं का लेनदेन संभव कराएगा.


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