नई दिल्ली: ई-कॉमर्स से जुड़ी हुई कंपनियों को ऑनलाइन बेचे जाने वाले सामान पर बताना जरूरी होगा कि वो किस देश का बना सामान है. साथ ही उसको कौन बना रहा है, इस बारे में जानकारी देना जरूरी होगा. यह बात दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताई.


दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर एक याचिका दायर की गई थी कि भारत में जो भी ई कॉमर्स कंपनी सामान बेच रही हैं, उनको यह बताना जरूरी हो कि आखिर वो सामान किस देश में बना है और उसको कौन बना रहा है.


2011 से ही बने हुए नियम की ऑनलाइन बेचे जाने वाले सामान पर किस देश में बना है यह जानकारी देना जरूरी है. दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि साल 2011 में ही लीगल मैट्रोलोजी के तहत नियम बनाए गए थे. इन नियमों के तहत ई-कॉमर्स से जुड़ी हुई कंपनियों को उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बेचे जाने वाले सामान की निर्माता कंपनी और किस देश में वह बनाया जा रहा है इस बारे में जानकारी देना जरूरी है.


हालांकि केंद्र सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस नियम का पालन करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है. अगर राज्य सरकारों को पता चलता है कि ई-कॉमर्स वाली कंपनियां इस नियम का पालन नहीं कर रही तो राज्य सरकार का संबंधित विभाग इन कंपनियों के खिलाफ़ कार्रवाई कर सकता है.


चीन के साथ बढ़े तनाव के बाद दायर हुई थी ये याचिका


दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था ऐसे वक्त में जब चीन के साथ तनाव है और लगातार स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल की बात हो रही है. एसे में भारतीय उपभोक्ताओं को पता होना चाहिए कि ऑनलाइन सामान जो वह खरीद रहे हैं, वह किस देश में बना है. साथ ही उसको कौन सी कंपनी बना रही है. जिससे कि भारतीय उपभोक्ता यह तय कर सके कि उनको वह सामान खरीदना है या नहीं.


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