भगत सिंह टू चे ग्वारा और ई-रिक्शा ड्राइवर से इंजीनियर तक... ये है संसद के चारों घुसपैठियों की कहानी
संसद में घटना के 6 आरोपी सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे से जुड़े हुए थे. डेढ़ साल से ये सभी फेसबुक पेज भगत सिंह फैन पेज का हिस्सा थे. इनमें से 5 पुलिस हिरासत में हैं और एक फरार है.
संसद की सुरक्षा में बुधवार (13 दिसंबर) को हुई सेंधमारी की घटना में शामिल छह में से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 6 लोगों ने साजिश रची थी, जिसके तहत घटना को अंजाम दिया. संसद में सेंधमारी करने वाले ये 6 लोग डेढ़ साल से एक-दूसरे को जानते थे. सोशल मीडिया के जरिए ये एक-दूसरे से कनेक्टेड थे. संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की थी.
सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम वरमाहस, ललित झा और विशाल ने इस घटना की प्लानिंग की थी. सभी आरोपी देश के अलग-अलग कोने से हैं. रिक्शा ड्राइवर से लेकर ईंजीनियर तक इस साजिश में शामिल हैं. आइए जानते हैं कौन हैं संसद के ये घुसपैठिए-
12वीं तक पढ़ा है अमोल शिंदे
मुंबई के पास लातुर जिले के जारी बुद्रुक में अमोल शिंदे का परिवार रहता है. उसके माता पिता खेती करते हैं और उन्हें बुधवार की घटना के बारे में तब पता चला जब पुलिस उनके घर पहुंची. अमोल ने 12वीं तक की पढ़ाई की है और फिलहाल बेरोजगार है. वह सेना में भर्ती होना चाहता था और बीते शनिवार को वह यह कहकर घर से निकला था कि दिल्ली पुलिस भर्ती के लिए जा रहा है. उसके माता पिता ने बताया कि तभी से उसका फोन स्विच ऑफ था. अमोल के घरवालों का कहना है कि वह नौकरी न होने की वजह से काफी परेशान रहता था. गांव वालों ने भी बताया कि अमोल अनुसूचित जाति से है और उसके परिवार को सरकार की हाउसिंग स्कीम के तहत एक छोटा सा घर अलॉट है और अमोल का बड़ा भाई शहरों में चिनाई का काम करता है.
HTET क्वालिफाई है आरोपी नीलम
दूसरी आरोपी नीलम वरमाहस हरियाणा के जींद जिले के गाशो खुर्द गांव की रहने वाली है. फ्रीडम फाइटर आजाद भगत सिंह से प्रभावित होकर वह खुद को नीलम आजाद बताती है. नीलम भी बेरोजगारी से परेशान है. उसने हरियाणा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (HTET) भी क्लियर किया है, लेकिन अभी तक टीचर के तौर पर उसकी नौकरी नहीं लगी. किसान आंदोलन, महिला रेसलरों के प्रोटेस्ट समेत विभिन्न विरोध प्रदर्शनों में भी शामिल रही है. नीलम ओबीसी कैटेगरी से है और उसको क्रांतिकारी लड़की के नाम से भी जाना जाता है. HTET टेस्ट की मान्यता सात साल के लिए होती है. यानी अगर कोई यह परीक्षा पास कर लेता है तो उसके पास टीचर बनने के लिए सात साल का समय होता है और नीलम के HTET की मान्यता इस साल खत्म हो रही है और उसकी उम्र 37 साल है. उसके परिवार का कहना है कि नीलम ने उन्हें नहीं बताया कि वह दिल्ली मे है.
रिक्शा चलाता है आरोपी सागर शर्मा
तीसरा आरोपी सागर शर्मा रिक्शा ड्राइवर है और फ्रीडम फाइटर भगत सिंह एवं क्यूबा के चर्चित मंत्री चे ग्वेरा का फैन है. अपने सोशल मीडिया पर वह इन दोनों शख्सियतों के कोट्स पोस्ट करता रहता है. सागर की उम्र 28 साल है, कल वह संसद में विजिटर्स गैलरी से सदन में कूद गया और फिर पीले रंग का धुआं उड़ाया. वह लखनऊ के रामनगर के आलमबाग का रहने वाला है. परिवार का कहना है कि वह यह बोलकर घर से निकला था कि दिल्ली प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने जा रहा है. सागर की मां का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि कैसे बेटे को संसद का पास मिला. उनका कहना है कि सागर ने किसी गलत मकसद से ऐसा नहीं किया है. उसने दसवीं तक पढ़ाई की है और 2018 में वह बेंगलुरु में आटे की मिल में काम करता था, लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के दौरन वापस लौट आया और अब यहां ई-रिक्शा चलाता है.
इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है आरोपी मनोरंजन डी
कर्नाटक के मैसुरु में रहने वाला मनोरंजन डी कंप्यूटर साइंस में इंजीनियर ग्रेजुएट है. संसद में धुआं फैलाने के लिए केन मनोरंजन ने ही खोला था. मनोरंजन के घर वालों का कहना है कि वह किताबों और घूमने का शौकीन है और उसका दिल बहुत अच्छा है. उन्होंने बताया कि मनोरंजन ने अपनी इच्छा से नौकरी नहीं की क्योंकि वह समाज के लिए काम करना चाहता था. कुछ समय के लिए उसने अपनी फैमिली बिजनेस के लिए काम किया था. स्थानीय पुलिस ने कहा कि हो सकता है कि फेसबुक पर भगत सिंह फैन पेज की वजह से वह इस साजिश का हिस्सा बना हो और इसलिए मैसूर से दिल्ली इस साजिश में शामिल होने के लिए चला गा. मनोरंजन ने सेंट स्टीफन कॉलेज और मरिमल्लप्पा हाई स्कूल से स्कूल की पढ़ाई की और बेंगुलुरु इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
क्या हुआ था संसद में?
पुलिस ने बताया कि प्लानिंग के तहत सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा के कक्ष में कूद गए और उन्होंने केन से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की. उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए 'तानाशाही नहीं चलेगी' बोलते हुए नारे लगाए. सागर, मनोरंजन, अमोल और नीलम अब पुलिस हिरासत में हैं. वहीं, पांचवें आरोपी विशाल को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. संसद पहुंचने से पहले ये चारों विशाल के घर पर ही रुके थे. छठा आरोपी ललित फरार है.