ABP e Shikhar Sammelan: लॉकडाउन में क्या है मॉल का भविष्य, जानिए एक्सपर्ट की राय
एबीपी न्यूज़ ने 'e-शिखर सम्मेलन के दौरान सेलेक्ट ग्रुप के चेयरमैन अर्जुन शर्मा, द फोरम के एमडी राहुल सराफ और फीनिक्स मॉल्स के डायरेक्टर राजेंद्र कालकर से बात की. इस दौरान मॉल्स के भविष्य को लेकर बात की गई.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट के बीच आपके चैनल एबीपी न्यूज़ ने 'e-शिखर सम्मेलन' आयोजित किया है. इस दौरान एक्सपर्ट्स से इकॉनमी को उबारने का क्या प्लान है इस पर राय ली गई. इसी दौरान सेलेक्ट ग्रुप के चेयरमैन अर्जुन शर्मा, द फोरम के एमडी राहुल सराफ और फीनिक्स मॉल्स के डायरेक्टर राजेंद्र कालकर से भी बात की गई और लॉकडाउन में मॉल्स के भविष्य को लेकर चर्चा की गई.
फीनिक्स मॉल्स के डायरेक्टर राजेंद्र केलकर ने कहा, ''मॉल का विजनेस काफी बड़ा है और लोगों को इसका अंदाजा नहीं कि इससे कितना इससे रोजगार पैदा होता है और अर्थव्यवस्था में कितना इसका योदगान होता है. इससे सवा करोड़ लोगों के जिदंगी पर असर पड़ा रहा है. उनको सैलेरी नहीं मिल पा रही है. ''
उन्होंने आगे कहा, ''दूसरी समस्या है कि GST कलेक्शन को लेकर नुकसान हुआ है. मॉल हर महीने चार-पांच हजार करोड़ का GST देते हैं. मॉल शॉपिंग करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सबसे अच्छी जगह है .''
वहीं द फोरम के एमडी राहुल सराफ ने कहा,'' सरकार का कहना है कि अगर आपकी दुकानें मार्केट में नहीं है तो खोल सकते हैं. अब लग रहा है कि हमें कोरोना के साथ में लंबे अरसे तक जीना है. आज सबके मन में डर है. मेरे ख्याल से मॉल भरोसा दे सकता है लोगों को कि आप सेफ है. हम सुनिश्चित करते हैं कि शॉपिंग मॉल में सेफ्टी प्रोटोकॉल के साथ लोग आ सकते हैं. मॉल में आने से लोगों का भय खत्म होगा''
वहीं सेलेक्ट ग्रुप के चेयरमैन अर्जुन शर्मा ने कहा कि अब कोरोना के बाद बहुत से चेंज आएंगे. शराब की दुकानें अगर मॉल में खोली जाती तो मामला कंट्रोल में होता. हमारी एयर कंडीशनिंग सब सही होगा. अगर मॉल नहीं खोले गए तो 1.2 करोड़ जॉब पर इसका असर पड़ेगा.''
सरकार क्यों मॉल नहीं खोल रही इसपर राजेंद्र कालकर ने कहा, '' 1930 में जब अमेरिका में यूएस के प्रेसिडेंट ने कहा था कि डर से ज्यादा कोई डर नहीं. मेरे ख्याल से लोगों के मन में डर है इसलिए सरकार नहीं खोल रही है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सकता है. हमने अपना मैसेज सरकार तक पहुंचाया है. हम फिर अपील करेंगे कि हमें मॉल खोलने की अनुमति दें.''
द फोरम ग्रुप के एमडी ने कहा कि मॉल की साइज के हिसाब से लोगो के आने को, यानी क्राउड कंट्रोल हम कर पाएंगे तो मॉल्स में कोई दिक्कत नहीं होगी. देश में गिनती के सात या आठ कॉरपरेट हाउस होंगे जो सभी मॉल के ऑनर हैं. अगर सरकार अनुमति देती है तो इन आट कंपनियों के एक्सिक्यूटिव आपस में पूरा फ्रेमवर्क तैयार कर सकते हैं.''
सेलेक्ट ग्रुप के अर्जुन शर्मा ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में कहा कि इस देश में करीब 1600 शॉपिंग सेंटर हैं. छोटे-बड़े मिलाकर. हमलोगों की एक संस्था है शॉपिंग सेंटर एसोसिएशन. इस संस्था ने भारत सरकार को सुझाव वाला एक पत्र सौंपा है. इसमें मॉल में कैसी व्यवस्था हो, कैसे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो. सब कुछ बताया गया है.
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