नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के रोकथाम के मद्देनजर दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने डीटीसी और क्लस्टर बसों में ई-टिकटिंग सिस्टम को शुरू करने की योजना बनाई है. योजना के तहत 5 अगस्त से परिवहन विभाग ने रूट नंबर 473 की सभी क्लस्टर बसों में तीन दिन के ई-टिकटिंग सिस्टम का ट्रॉयल शुरू कर दिया है. परिवहन विभाग ने अनुरोध किया है कि इस दौरान इन बसों में चलने वाले यात्री मोबाइल की मदद से टिकट खरीदें. ई-टिकट लेने के लिए यात्रियों को अपने मोबाइल पर चार्टर (Chartr) एप को डाउनलोड करना होगा. इस एप की मदद से यात्री टिकट की कीमत या चढ़ने-उतरने वाले स्टॉप के विकल्प को चुन कर ई-टिकट ले सकते हैं.


दिल्ली परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "यात्रियों और कंडक्टरों के बीच ज्यादा से ज्यादा दूरी सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार अपनी बसों के लिए ई-टिकटिंग प्रणाली यानी कॉन्टैक्टलेस टिकट सिस्टम शुरू करने की योजना बना रही है, ताकि इसकी वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. यात्रियों और कंडक्टरों के बीच टिकट या पैसे के आदान-प्रदान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में मुश्किल होती है."


योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए परिवहन विभाग ने डिप्टी कमिश्नर (क्लस्टर) की अध्यक्षता में इसके समन्वय और कार्यान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है. टास्क फोर्स में डीटीसी और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम लिमिटेड (DIMTS) के अधिकारियों के अलावा आईआईआईटी दिल्ली के रिसर्चर्स और विश्व संसाधन संस्थान (WRI) के एक्सपर्ट्स भी शामिल हैं. टास्क फोर्स की सिफारिशों के आधार पर, परिवहन विभाग ने तय किया है कि रूट नंबर 473 की सभी क्लस्टर बसों में 5, 6 और 7 अगस्त, 2020 को मोबाइल टिकटिंग का वास्तविक ट्रायल किया जाएगा. इसके लिए 1 अगस्त से ही रूट नंबर 473 की क्लस्टर स्कीम की बसों में एप डाउनलोड करने, उसे इस्तेमाल करने और मोबाइल टिकट खरीदने की जानकारी देने के लिए बसों में पोस्टर लगा कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.


दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) की तकनीकी मदद से ई-टिकटिंग सिस्टम के लिए एक ख़ास एप बनाया गया है. इस एप का नाम है चार्टर (Chartr). DIMTS के सुपरविजन में एक टीम ट्रायल के दौरान रूट नंबर 473 की बसों में निरीक्षण करेगी और यात्रियों से प्रतिक्रिया लेगी. यात्रियों की सुविधा के लिए रूट नंबर 473 पर चलने वाली सभी बसों में हिन्दी और अंग्रेजी के 6 पोस्टर लगाए गए हैं, ताकि यात्री उससे मदद लेकर मोबाइल में एप इंस्टॉल करके ई-टिकट खरीद सकें. बस की सभी सीटों के पीछे QR कोड लगाए गये हैं, ताकि किराये का भुगतान करने में यात्रियों को सहूलियत रहे. साथ ही बसों के कंडक्टर और डिपो के प्रबंधकों को आईआईटी दिल्ली की टीम ने प्रशिक्षण दिया है, ताकि वे यात्रियों की मदद कर सकें.


कैसा होगा ई-टिकट सिस्टम
यात्रियों को पहले अपने मोबाइल में चार्टर ऐप को इंस्टॉल करना होगा. अपना रजिस्ट्रेशन करने के बाद यात्री दो तरीके से ई-टिकट प्राप्त कर सकते हैं. पहला, अगर आप टिकट की कीमत जानते हैं, तो आप बाई फेयर विकल्प पर जाकर क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे और बाई बटन को दबाएंगे और भुगतान का विकल्प चुन कर टिकट ले सकते हैं. दूसरा, अगर आप चढ़ने वाला और गंतव्य बस स्टॉप का नाम जानते हैं, तो आप ऐप के बाई डेस्टिनेशन विकल्प पर जाकर अपना बस मार्ग और बस स्टॉप चुनेंगे, फिर आखिरी बस स्टॉप चुनेंगे. इसके बाद बाई बटन दबाएं और क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान करेंगे. ई-टिकटिंग सिस्टम एक एपीआई (एप्लिकेशन इंटरफेस) है, जिसे किसी भी एप जैसे पेटीएम, फोन पे, ओला या उबर के साथ जोड़ा जा सकता है. इसी के साथ प्रत्येक बस के जीपीएस ट्रैकिंग को भी इनेबल करना होगा. वर्तमान में सभी क्लस्टर बसों में जीपीएस ट्रैकर हैं.



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