2024 के लोकसभा चुनाव में वोटरों को मिल सकती है ई-वोटिंग की सुविधा
इस सुविधा के आ जाने के बाद वोटरों को अपने शहर या गांव से दूर रहते हुए और अपने निर्वाचन क्षेत्र के पोलिंग स्टेशन पर जाए बिना ही वोट डालने की सुविधा मिल जाएगी.
![2024 के लोकसभा चुनाव में वोटरों को मिल सकती है ई-वोटिंग की सुविधा E voting may come into being by next Lok Sabha elections in 2024 Says, CEC Sunil arora 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटरों को मिल सकती है ई-वोटिंग की सुविधा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/02/28034606/voting.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा ने इस बात की उम्मीद जताई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में ई-वोटिंग सुविधा की शुरुआत हो सकती है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में जो बदलाव किए जाने हैं, उनमें से एक ई वोटिंग भी हो सकती है.
इस सुविधा के आ जाने के बाद वोटरों को अपने शहर या गांव से दूर रहते हुए और अपने निर्वाचन क्षेत्र के पोलिंग स्टेशन पर जाए बिना ही वोट डालने की सुविधा मिल जाएगी. बता दें कि चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में आईआईटी मद्रास, अन्य आईआईटी और अन्य प्रमुख संस्थानों के प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकीविदों के साथ मशविरे से दूर रहते हुए मतदान को सक्षम बनाने के लिए एक शोध परियोजना शुरू की थी.
सुनील अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से एक समर्पित टीम इस परियोजना को आकार देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह अवधारणा 2024 के लोकसभा चुनावों तक मूर्त रूप लेगी. सीईसी ने कहा कि पहली प्रायोगिक परियोजना अगले ‘‘दो से तीन महीनों में शुरू की जा सकती है.'
हालांकि सुनील अरोड़ा ने ये साफ कर दिया है कि परियोजना का उद्देश्य न तो इंटरनेट आधारित मतदान है और न ही इसमें घर से मतदान शामिल है. उन्होंने कहा कि आयोग के लिए मतदान की पारदर्शिता और गोपनीयता हमेशा स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव सुनिश्चित करने में एक मार्गदर्शक विचार रहा है. उन्होंने कहा कि आयोग जल्द ही विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद इस तरह के मतदान के अंतिम मॉडल को आकार देगा.
उन्होंने कहा कि कुछ प्रक्रियात्मक बदलाव भी होगा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श होगा.
परियोजना में शामिल ‘‘ब्लॉकचेन’’ तकनीक के बारे में बताते हुए पूर्व वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने पहले कहा था कि यह अवधारणा बायोमेट्रिक उपकरणों और एक वेब कैमरा के साथ सक्षम समर्पित इंटरनेट लाइनों पर व्हाइट-लिस्टेड आईपी उपकरणों पर नियंत्रित माहौल में ‘‘दो-तरफ़ा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली है.’’
सक्सेना ने हालांकि यह स्पष्ट किया था कि मतदाताओं को इस सुविधा का उपयोग करने के लिए पूर्व निर्धारित अवधि के दौरान एक निर्दिष्ट स्थान पर पहुंचना होगा. सक्सेना ने कहा था कि इसका मतलब घर से मतदान नहीं है.
मुंबई के कोविड अस्पताल में आग से 10 लोगों की मौत, CM उद्धव ठाकरे ने मृतकों के परिवारों से मांगी माफी
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)