EAC-PM Member Sanjeev Sanyal On OPS: देश में पिछले कुछ दिनों से ओल्ड पेंशन स्कीम पर काफी चर्चा हो रही है. विपक्षी सरकारें अपने राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर रही हैं. इस पर अब प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल (EAC to PM) के मेंबर संजीव सान्याल (Sanjeev Sanyal) ने चिंता जताई है. उन्होंने इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए बड़ा खतरा बताया है.
सोमवार (26 दिसंबर) को पीटीआई से बातचीत करते हुए संजीव सान्याल ने कहा, "बिना फंड वाली पेंशन योजनाएं अंततः भविष्य की पीढ़ियों का नुकसान करती हैं." उन्होंने कहा, "इसलिए, पिछले कुछ दशकों में बड़ी मुश्किल से किए गए पेंशन सुधारों को उलटते हुए बहुत सावधान रहना चाहिए."
अंतर्राष्ट्रीय हालातों पर चिंता जताई
सान्याल ने कहा, "मौजूदा समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय हालातों को देखते हुए यह बिल्कुल साफ है कि 2023 में भी परिस्थितियां सही नहीं होंगी." उन्होंने कहा, "मौजूदा हालातों को देखते हुए अर्थव्यवस्था के साथ छेड़छाड़ बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकती है." हालांकि, उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को ज्यादा खतरा नहीं बताया. सान्याल के मुताबिक, भारत कई सालों तक 9 फीसदी की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट हासिल कर सकता है.
ओपीएस को भविष्य के लिए खतरा बताया
पुरानी पेंशन योजना पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "ओपीएस के तहत पूरी पेंशन राशि सरकार देती थी. वहीं, नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत पेंशन के लिए योगदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है." उन्होंने कहा, "बड़ी मुश्किल से किए गए पेंशन सुधारों को उलटते समय बड़ी सावधानी बरतनी चाहिए."
इन राज्यों में लागू हो चुकी है OPS
बता दें कि कांग्रेस शासित राज्यों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ पहले ही पुरानी पेंशन योजना को लागू कर चुके हैं. अब हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने वाली है. झारखंड ने भी ओपीएस को वापस करने का फैसला किया है, जबकि आम आदमी पार्टी शासित पंजाब ने हाल ही में ओपीएस को फिर से लागू करने की मंजूरी दी है.
2024 में हो सकता है बड़ा मुद्दा
ओल्ड पेंशन स्कीम को बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने दिसंबर 2003 में बंद करने का निर्णय लिया था. 1 अप्रैल 2004 से यह योजना बंद कर दी गई थी. हालांकि, अब कई संगठन और विपक्षी दल पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने पर जोर दे रहे हैं. केंद्र के रुख से पता चलता है कि फिलहाल सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती है. साल 2024 में आम चुनाव के दौरान ओपीएस को लागू करने का मुद्दा बड़ा बन सकता है.
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