S Jaishankar: 'इंदिरा गांधी ने मेरे पिता को पद से हटाया था, राजीव गांधी ने...', बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
S Jaishankar on Indira and Rajiv Gandhi: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अनुभवों को लेकर एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने उनके पिता के साथ घटे कथित कड़वे समय का जिक्र किया है.
S Jaishankar Remark Over Indira And Rajiv Gandhi: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अपने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि उनके पिता डॉक्टर के सुब्रह्मण्यम (K Subrahmanyam) को इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने केंद्रीय सचिव के पद से हटा दिया था. इसी के साथ उन्होंने कहा कि राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने भी उनके पिता की जगह उनसे जूनियर आदमी को नियुक्त कर दिया था.
मंगलवार (21 फरवरी) को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि वह नौकरशाहों के परिवार से आते हैं और 2019 में अप्रत्याशित रूप से उनके पास केंद्रीय मंत्री बनने का अवसर आया. उन्होंने कहा कि 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता में वापसी करने के तुरंत बाद उनके (जयशंकर) पिता डॉ. के सुब्रह्मण्यम को रक्षा उत्पादन सचिव के पद से हटा दिया था. जयशंकर ने कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान भी उनके पिता को हटाकर एक जूनियर आदमी को कैबिनेट सचिव बनाया गया था.
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतिकारों में से एक थे जयशंकर के पिता
जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के पद पर थे. इससे पहले उन्होंने प्रमुख राजदूत पदों पर कार्य काम किया था, जिसमें चीन और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं. उनके पिता डॉक्टर के सुब्रह्मण्यम का 2011 में निधन हो गया था. के सुब्रह्मण्यम का नाम भारत के सबसे प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतिकारों में से एक के रूप में लिया जाता है.
जयशंकर ने बताई पूरी बात
जयशंकर ने कहा, ''मैं सबसे अच्छा विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहता था. मेरी नजर में सबसे अच्छे के परिभाषा एक विदेश सचिव के रूप में थी. मेरे घर में भी यही मानना था, इसे दबाव नहीं कहूंगा लेकिन हम सब उस तथ्य से अवगत थे कि मेरे पिता, जो एक नौकरशाह थे, सचिव बन गए थे लेकिन उन्हें सचिव पद से हटा दिया गया था. उस समय 1979 में जनता सरकार में वह संभवत: सबसे कम उम्र के सचिव बने थे. 1980 में वह रक्षा उत्पादन सचिव थे. 1980 में जब इंदिरा गांधी फिर से चुनी गईं तब वह पहले सचिव थे, जिन्हें उन्होंने हटाया था. वह सबसे विद्वान पुरुष थे, रक्षा विभाग में हर कोई यह बता देगा.'' विदेश मंत्री जयशकंर ने कहा कि उनके पिता बहुत ईमानदार व्यक्ति थे. उन्होंने कहा, ''हो सकता है कि इसी कारण समस्या हुई हो, मुझे नहीं पता.''
'यह कुछ ऐसा था जो उन्होंने महसूस किया'
जयशंकर ने कहा, ''तथ्य यह है कि एक व्यक्ति के रूप में उन्होंने नौकशाही में अपना करियर देखा, वास्तव में जो बाधित था और उसके बाद, वह कभी दोबारा सचिव नहीं बने. उन्हें राजीव गांधी काल के दौरान किसी ऐसे जूनियर व्यक्ति के लिए पद से हटा दिया गया था जो कैबिनेट सचिव बन गया था. यह कुछ ऐसा था जो उन्होंने महसूस किया था.. हमने शायद ही कभी इस बारे में बात की हो. इसलिए जब मेरे बड़े भाई सचिव बने तो उन्हें बहुत.. बहुत गर्व हुआ था.'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिता के निधन के बाद वह सरकार के सचिव बने थे.
यह भी पढ़ें- 'LAC पर पीएम मोदी ने सेना भेजी, उन्होंने नहीं', राहुल गांधी के चीन वाले बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का पलटवार