'वे दिन बीत गए जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और...', संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोले एस जयशंकर, UNSC में बदलाव की भी अपील
S Jaishankar Speech: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत 'भारत से नमस्ते' बोलकर की.
S Jaishankar Speech At UNGA: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत 'भारत से नमस्ते' बोलकर की. उन्होंने कहा, ''नमस्ते फ्रॉम भारत (भारत की ओर से नमस्ते)." इसके बाद तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी.
यूएनजीए में जयशंकर ने कहा कि UNSC में बदलाव होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कूटनीति और बातचीत से ही दुनिया में तनाव को कम किया जा सकता है.
#WATCH | New York | At the UNGA, EAM Dr S Jaishankar says, "Namaste from Bharat!...Our fullest support to this UNGA's theme of rebuilding trust and reigniting global solidarity. This is an occasion to take stock of our achievements and challenges even while sharing our… pic.twitter.com/6TZtneWRHC
— ANI (@ANI) September 26, 2023
'भारत जिम्मेदारी महसूस करता है'
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ''भारत अपनी जिम्मेदारी महसूस करता है. विश्व की वित्तीय संस्थाओं में बदलाव होना चाहिए. यूएनएसी में बदलाव होना चाहिए. दुनिया उथल-पुथल के दौर का सामना कर रही है. कूटनीति और बातचीत ही तनाव को कम कर सकती है. विश्व से भूख और गरीबी को मिटाना है. दुनिया में कई जगह संघर्ष चल रहा है. दुनिया के सामने बड़ी चुनौती है.'' उन्होंने कहा, ''भारत में हाल में जी-20 शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ. विश्व के सामने विकास की चुनौति है. इंडिया हर एक चीज को पहले कर रहा है.''
'वे दिन बीत गए जब कुछ राष्ट्र....'
विदेश मंत्री ने कहा, ''एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का भारत का दृष्टिकोण महज कुछ देशों के संकीर्ण हितों पर नहीं, बल्कि कई राष्ट्रों की प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करता है. वे दिन बीत गए जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनकी बातें मान लें.'' उन्होंने कहा, ''अब भी कुछ ऐसे देश हैं जो एजेंडा को आकार देते हैं और मानदंडों को परिभाषित करना चाहते हैं. यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता.''
उन्होंने कहा, ''जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल किए जाने से संयुक्त राष्ट्र को भी सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने की प्रेरणा मिलनी चाहिए.'' उन्होंने कहा, ''गुट निरपेक्ष के युग से निकलकर अब हमने ‘विश्व मित्र’ की अवधारणा विकसित की है.''
'भारत की पहल पर G20 में अफ्रीकन यूनियन'
विदेश मंत्री ने कहा, ''भारत की पहल की वजह से G-20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता मिली है. ऐसा करके हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दी, जिसका काफी समय से हक रहा है. इस महत्वपूर्ण कदम से संयुक्त राष्ट्र, जो उससे भी पुराना संगठन है, सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए प्रेरित होना चाहिए.''
जयशंकर ने कहा, ''अपनी सफलता के साथ विश्वास को बहाल करना है. कोविड का विश्व पर अलग प्रभाव पड़ा है. सतत विकास की विश्व के सामने चुनौती है. दुनिया में गैर बराबरी है. विकासशील देशों पर ज्यादा दबाव है.''
चीन और पाकिस्तान पर निशाना
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने भाषण के दौरान परोक्ष रूप से चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''बाजार की शक्ति का इस्तेमाल भोजन और ऊर्जा को जरूरतमंदों से अमीरों तक पहुंचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, न ही हमें इसका समर्थन करना चाहिए कि राजनीतिक सुविधा आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा प्रतिक्रियाएं निर्धारित करे. इसी तरह चेरी-पिकिंग (किसे चुने और किसे नहीं) के रूप में क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का अभ्यास नहीं किया जा सकता है. जब वास्तविकता बयानबाजी से दूर हो जाती है तो हमें इसे सामने लाने का साहस होना चाहिए..."
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी का विपक्ष पर वार, 'भ्रष्टाचार करने पर जेल में डाल रहे हैं तो वो परेशान हैं'