'भारत के लिए रूस समय की कसौटी पर परखा हुआ भागीदार', बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
India-Russia Relations: विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर है. भारत और रूस के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों के समकक्षों के बीच अहम मीटिंग भी हुई.
India-Russia Relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) रूस की पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर है. उनकी बुधवार (27 दिसंबर) को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक व्यापक और उपयोगी बैठक हुई. इस दौरान दोनों के बीच रणनीतिक साझेदार के रूप में, अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा हुई. जयशंकर ने रूस को भारत के लिए एक मूल्यवान साझेदार के साथ-साथ समय की कसौटी पर परखा हुआ भागीदार बताया है. इसको एक ऐसा रिश्ता बताया जिससे भारत और रूस दोनों को काफी फायदा हुआ है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं, रणनीतिक भागीदारी और पारस्परिक लाभ को दर्शाते हैं. रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) के साथ सार्थक बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर बात की. उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र, यूक्रेन संघर्ष, गाजा स्थिति, अफगानिस्तान और मध्य एशिया, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, जी20 और संयुक्त राष्ट्र पर भी विचार-विमर्श किया.
उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग, ऊर्जा व्यापार, कनेक्टिविटी प्रयासों, सैन्य-तकनीकी सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क में हुई प्रगति का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, '2024-28 की अवधि के लिए परामर्श प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए. भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं, रणनीतिक भागीदारी और पारस्परिक लाभ को दर्शाते हैं.'
'दोनों के संबंध बेहद मजबूत, बेहद स्थिर'
जयशंकर ने इस बात को भी जोर शोर से जिक्र किया कि दोनों देशों के प्रमुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समय-समय पर एकदूसरे से बात करते रहे हैं. हमारे संबंध बेहद मजबूत, बेहद स्थिर हैं और मुझे लगता है कि हम एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पर खरे उतरे हैं. दोनों देश एक दूसरे के लिए सकारात्मक भावनाएं रखते हैं.
दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर किया फोकस
उन्होंने भारत-रूस के बीच अच्छे संबंधों को लेकर यह भी कहा कि इस साल हम पहले ही 6 बार मिल चुके हैं और यह 7वीं बैठक है. आज की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया, इसे बदलती परिस्थितियों और मांगों के अनुसार समायोजित किया. इस साल दोनों पक्ष सहयोग की अलग-अलग अभिव्यक्तियों के गवाह बने.
उन्होंने कहा, 'एससीओ सहित कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के संबंध में राजनीतिक सहयोग पर काफी समय तक चर्चा की गई. 'रूस, ब्रिक्स जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन एससीओ का अध्यक्ष होगा.
'भारत-रूस व्यापार 50 बिलियन अमरीकी डालर के पार'
जयशंकर ने इस बात की भी सराहना की कि भारत-रूस व्यापार अब तक के उच्चतम स्तर पर है और पिछले साल 50 बिलियन अमरीकी डालर को पार कर गया. जयशंकर ने आगे कहा कि नई दिल्ली अगले महीने भारत में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी से एक प्रतिनिधिमंडल की उम्मीद कर रहा है.
मुक्त व्यापार समझौते पर समझौता जनवरी में फिर से होगा शुरू
उन्होंने यह भी कहा कि हमने मंगलवार (26 दिसंबर) को रेलवे के बारे में वार्ता की. इस बात पर सहमति बनी कि भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर समझौता इस साल जनवरी के सेकेंड हॉफ में फिर से शुरू किया जाएगा.
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