SCO Council Meeting: भारत उभरती हुई अर्थव्यवस्था, विदेश मंत्री जयशंकर बोले- SCO मेंबर्स के साथ अभी कई गुना बढ़ेगा बिजनेस
S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ''हमें मध्य एशियाई देशों के हितों को केंद्र में रखकर बनाए गए एससीओ क्षेत्र में बेहतर संपर्क बनाने की आवश्यकता है.''
S Jaishankar Speech at SCO Council Meeting: शासनाध्यक्षों की शंघाई सहयोग संगठन परिषद की 21वीं बैठक (SCO Council Meeting) मंगलवार (1 नवंबर) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई. केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया. बैठक में एससीओ (SCO) सदस्य देशों, पर्यवेक्षक देशों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी संरचना (RATS) के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) और अन्य आमंत्रित महमानों ने हिस्सा लिया.
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने भाषण में एससीओ क्षेत्रों के साथ भारत के मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख किया और खाद्य, उर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, व्यापार और संस्कृति की दिशा में बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराया.
विदेश मंत्री के भाषण की अहम बातें
विदेश मंत्री ने 20 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई वैश्विक मुहिम 'LIFE' यानी लाइफस्टाइल फॉर एनवायरोमेंट और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में इसकी प्रासंगिकता के बारे में बात की. उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ने के भारत के संकल्प और इस दिशा में हासिल की गई उपलब्धियों की ओर भी ध्यान खींचा. महामारी के बाद आर्थिक मोर्चे पर भारत के मजबूती से उभरने पर भी उन्होंने जोर दिया. विदेश मंत्री ने अनुकूल बाजार पहुंच के आधार पर भारत-एससीओ व्यापार को विस्तार देने में भी रुचि व्यक्त की. बैठक के समापन पर एससीओ के शासनाध्यक्षों की साझा विज्ञप्ति और अन्य फैसले स्वीकार किए गए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके भी बैठक की जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया, ''हमें मध्य एशियाई देशों के हितों को केंद्र में रखकर बनाए गए एससीओ क्षेत्र में बेहतर संपर्क बनाने की आवश्यकता है.''
जयशंकर ने बताया व्यापार में इजाफे का तरीका
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ''एससीओ सदस्यों के साथ हमारा कुल व्यापार केवल 141 अरब डॉलर का है, जिसके कई गुना बढ़ने की संभावना है. अनुकूल व्यापार पहुंच हमारे पारस्परिक लाभ के लिए है और आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है.''
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्री ने कहा कि चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और आर्थिक क्षमता को खोलने में मदद कर सकता है. उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी परियोजनाओं को सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए.
-Our total trade with SCO Members is only $141 billion, which has potential to increase manifold. Fair market access is to our mutual benefit & only way to move forward.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 1, 2022
कब आयोजित होती है ये बैठक?
शासनाध्यक्षों की एससीओ परिषद की बैठक हर वर्ष आयोजित की जाती है. बैठक का मुख्य एजेंडा व्यापार और आर्थिक हितों पर केंद्रित रहता है. बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन का वार्षिक शिखर सम्मेलन इस साल 15 और 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति Shavakat Miriziyoyev से अलग-अलग मुलाकात की थी. पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी दौरे पर गए थे. बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध समेत कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई थी.
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