UNSC: 'हम एक और 9/11 या 26/11 नहीं होने दे सकते', UNSC में बोले एस जयशंकर, चीन-पाक पर वार
UNSC Briefing: एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का खतरा वास्तव में और भी गंभीर हो गया है. हमने अल-कायदा, दाएश, बोको हराम और अल शबाब व उनके सहयोगियों का विस्तार देखा है.
EAM S Jaishankar In UNSC: विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने गुरुवार (15 दिसंबर) को UNSC ब्रीफिंग के दौरान 9/11 और 26/11 आतंकी हमलों का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने चीन और पाकिस्तान पर बिना नाम लिए वार किया. डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम एक और 'न्यूयॉर्क का 9/11' या 'मुंबई का 26/11' दोबारा नहीं होने दे सकते. उन्होंने कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद (Terrorism) से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए. जब आतंकवाद से निपटने की बात आती है, तो हमें अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करना चाहिए और शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को प्रकट करना चाहिए
भारत दिसंबर 2022 के महीने के लिए UNSC की अध्यक्षता कर रहा है. विदेश मंत्री ने गुरुवार को 'आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे: वैश्विक आतंकवाद-विरोधी दृष्टिकोण-सिद्धांत और रास्ता' पर UNSC ब्रीफिंग की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए. जब आतंकवाद से निपटने की बात आती है, तो हमें अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करना चाहिए और शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को प्रकट करना चाहिए.
चीन और पाकिस्तान पर साधा निशाना
चीन के परोक्ष संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से जुड़े सबूत-समर्थित प्रस्तावों पर पर्याप्त कारण बताए बिना रोक लगा दी जाती है. चीन और पाकिस्तान पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए एस जयशंकर ने कहा कि एक चुनौती ये है कि हम दोहरे मानकों से कैसे निपटें. बहुत लंबे समय के लिए कुछ लोग इस दृष्टिकोण को अपना रहे हैं कि आतंकवाद एक अन्य साधन या युक्ति है. ये सुझाव कि जो राज्य स्पष्ट रूप से हर चीज में सक्षम हैं, लेकिन जब आतंकवाद की बात आती है तो वे केवल असहाय होते हैं, हास्यास्पद है. इसलिए जवाबदेही आतंकवाद का मुकाबला करने का आधार होना चाहिए.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद-रोधी संरचना चार बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है जिसमें आतंकवाद का वित्तपोषण, आतंकवाद-रोधी बहुपक्षीय तंत्रों की अखंडता, जवाबदेही और उनके कार्य करने के तरीके सुनिश्चित करना.
विदेश मंत्री ने और क्या कहा?
डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानकों को संबोधित करना और आतंकवादियों की ओर से नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग शामिल है. आज की ब्रीफिंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने आतंकवाद विरोधी एजेंडे को फिर से जीवंत करने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है. आतंकवाद का खतरा वास्तव में और भी गंभीर हो गया है. हमने आतंकी संगठन और उनके सहयोगियों का विस्तार देखा है.
#WATCH | Anjali Vijay Kulthe, nursing officer at Cama & Albless Hospital, victim & survivor of the 26/11 Mumbai terror attacks, recalls the day of the attacks and narrates her ordeal before UN Security Council pic.twitter.com/jNmNA6Q6kc
— ANI (@ANI) December 15, 2022
26/11 हमलों की सर्वाइवर ने रखी बात
इस दौरान 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में सर्वाइवर और कामा एंड एल्बलेस अस्पताल में नर्सिंग अधिकारी अंजलि वी. कुलथे ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में बच गई. मैं आतंकी हमलों के पीड़ितों के परिवारों के सहे गए आघात और दुख की आवाज UNSC के संज्ञान में लाना चाहती हूं. इसपर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मैं मुंबई 26/11 आतंकी हमले की बहादुर सर्वाइवर नर्स अंजलि कुलथे को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमारे साथ अपनी यादें शेयर की हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से भी मुलाकात की और भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान मिलकर काम करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया. जयशंकर (S Jaishankar) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की वर्तमान अध्यक्षता के तहत आतंकवाद और संशोधित बहुपक्षवाद पर दो प्रमुख कार्यक्रमों की अध्यक्षता करने के लिए मंगलवार को अमेरिका पहुंचे थे. 15 देशों के शक्तिशाली निकाय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल इस महीने समाप्त होने वाला है.
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