S Jaishankar on Pok: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर पीओके को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस पर निशाना साधा. जयशंकर ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओके) पर किसी की कमजोरी या गलती के कारण अपनी पकड़ खो दी.
दरअसल, विदेश मंत्री जयशंकर ने महाराष्ट्र के नासिक में एक कार्यक्रम विश्वबंधु भारत के दौरान यह टिप्पणी की. विदेश मंत्री ने अगर भारत 'लक्ष्मण रेखा' पार करता है वाले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि पीओके भारत का हिस्सा है और किसी की कमजोरी या गलती के कारण यह अस्थायी रूप से हमसे दूर चला गया है.
पीओके पर क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर
जयशंकर ने कहा, ''न तो पाकिस्तान और न ही उसका पड़ोसी पीओके पर अपनी संप्रभुता का दावा कर सकता है, क्योंकि भारत का इस क्षेत्र पर वैध दावा है. मैं चीन में राजदूत था और हम सभी चीन के अतीत के कार्यों से वाकिफ हैं और वह पाकिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है. हमने उन्हें बार-बार कहा कि कोई भी देश न तो पाकिस्तान और न ही चीन पीओके पर दावा कर सकते हैं. अगर कोई संप्रभु दावेदार है तो वह भारत है. आप वहां कब्जा कर रहे हैं, आप वहां निर्माण कर रहे हैं, लेकिन कानूनी स्वामित्व हमारा है.''
जयशंकर ने किया पाकिस्तान-चीन समझौते का जिक्र
विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन के बीच 1963 के समझौते का हवाला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चीन को दोस्ती के संकेत के रूप में स्थानांतरित किया गया है, लेकिन इस समझौते में कहा गया कि चीन अंततः पाकिस्तान या भारत के क्षेत्रीय दावों का सम्मान करेगा. 1963 में पाकिस्तान और चीन अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए इसी बात पर सहमत हुए और उन्होंने चीन का साथ पाने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले लगभग 5,000 किमी क्षेत्र को चीन को सौंप दिया है. यह सब उस समझौते में लिखा है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमें अपनी स्थिति को बहुत मजबूत बनाए रखने के लिए खुद पर भरोसा रखना होगा. दस साल पहले आपमें से कोई भी इस तरह से बात नहीं करता था. यही एक बदलाव है, यहां तक कि भारतीय जनता को भी इस पर भरोसा है.
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