नई दिल्ली: 10 हजार से अधिक नामी हस्तियों और संगठनों की जासूसी का मुद्दा विदेश मंत्रालय ने चीन के सामने उठाया है. विदेश मंत्रालय ने जासूसी का मामला चीनी राजदूत के सामने उठाया. चीन ने इसके जवाब में कहा कि झेनहुआ एक निजी कंपनी है और अपनी स्थिति को बता चुकी है.
बता दें कि अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की खबर में कहा गया है कि चीन की सरकार 10,000 से अधिक भारतीय लोगों और संगठनों पर नजर रख रही है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी झेनहुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इस काम में संलिप्त है.
नेताओं और नौकरशाहों समेत अन्य लोगों की जासूसी की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब पिछले कई महीने से भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव है.
कमेटी का गठन
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी सभी रिपोर्ट्स का अध्ययन करेगी और 30 दिन के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपेगी.
सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल को सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है.
राज्यसभा में कांग्रेस ने उठाया मुद्दा
आज कांग्रेस के दो सदस्यों के सी वेणुगोपाल और राजीव सातव ने राज्यसभा में में शून्य काल के दौरान यह मुद्दा उठाया. इस पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसदीय कार्य मंत्री से कहा कि वह इस पर ध्यान दें और संबंधित मंत्री को इसकी जानकारी दें.
कांग्रेस के संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने कहा कि वह एक चौंकाने वाली खबर की ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीय नागरिकों की निजता से संबंधित है.
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘यह बहुत चौंकाने वाला है... निगरानी में भारत के राष्ट्रपति, आप भारत के उपराष्ट्रपति भी, प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सहित विपक्षी नेताओं, मुख्यमंत्री, सांसद, सेना प्रमुख और उद्योगपति शामिल हैं.’’
उन्होंने कहा कि चीनी कंपनी ने प्रमुख पदों पर आसीन नौकरशाहों, न्यायाधीशों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, अभिनेताओं, खिलाड़ियों, धार्मिक हस्तियों और कार्यकर्ताओं के आंकड़े भी एकत्र किए हैं. वेणुगोपाल ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने इस पर ध्यान दिया है और क्या कार्रवाई की गई है ?
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