EAM S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (27 अक्टूबर) को कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिलाने के प्रयास जारी हैं, हालांकि इस दिशा में प्रगति हुई है, लेकिन इसमें अभी कुछ और समय लगेगा. उन्होंने कहा कि आप जानते होंगे कि संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) में हिंदी का उपयोग किया जा रहा है. जहां तक ​​इसके मुख्यालय में हिंदी के उपयोग का संबंध है, हमारे पास उनके साथ एक समझौता ज्ञापन है, वे इसका उपयोग सोशल मीडिया और न्यूज़लेटर्स में अभी कर रहे हैं.


जयशंकर ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि इसे विस्तारित करने में अभी कुछ समय लगेगा. संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रिया में एक भाषा को शामिल करना इतना आसान काम नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पर काम किया जा रहा है, प्रगति हुई है और हमें उम्मीद है कि यह आगे बढ़ेगा.


अगले साल विश्व हिंदी दिवस की मेजबानी करेगा फिजी


विदेश मंत्री जयशंकर ने विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन और फिजी के शिक्षा, विरासत और कला मंत्रालय की स्थायी सचिव अंजीला जोखान के साथ विश्व हिंदी दिवस के लोगो और वेबसाइट का भी शुभारंभ किया. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस कार्यक्रम में कहा कि फिजी अगले साल 15-17 फरवरी, 2023 तक 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की मेजबानी करेगा. तीन दिवसीय सम्मेलन फिजी शहर नाडी में आयोजित किया जाएगा,


इस कार्यक्रम में बोलते हुए, फिजी के शिक्षा, विरासत और कला मंत्रालय की स्थायी सचिव अंजीला जोखान ने कहा कि फिजी को प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करने वाला प्रशांत क्षेत्र का पहला देश होने का सौभाग्य मिला है. उन्होंने भारत के साथ साझेदारी की सराहना की.


"हम सौभाग्यशाली महसूस कर रहे'


फिजियन सचिव अंजीला जोखान ने कहा, "हम विश्व हिंदी सम्मेलन के लिए अगले वर्ष के मेजबान के रूप में भारत सरकार के नामित होने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि यह मंच हमें हमारे देश की प्रमुख भाषाओं में से एक हिंदी को बढ़ावा देने और मनाने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा. वास्तव में, फिजी धन्य महसूस करता है और इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करने वाला प्रशांत क्षेत्र का पहला देश होने का इसे सौभाग्य प्राप्त हुआ है. "


जोखान ने कहा कि, फिजी 15-17 फरवरी, 2023 तक इस कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए उत्सुक है. उन्होंने कहा कि, "हम अपने देश में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं. हम जानते हैं कि इसके लिए हमारे देश में कई देशों से भारतीय प्रवासी आएंगे और इससे हमारे देश के लोगों को परस्पर सहयोग और दोस्ती को बढ़ाने का अवसर मिलेगा." 


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