S Jaishankar Newyork Visit: विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) इन दिनों न्यूयॉर्क (Newyork) दौरे पर हैं. उन्होंने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) के संबोधन से पहले न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधिन किया. विदेश मंत्री ने कहा कि 18वीं सदी का भारत विश्व की कुल अर्थव्यवस्था का लगभग एक चौथाई हिस्सा रखता था, लेकिन 20वीं सदी के मध्य तक गुलामी के चलते स्थिति खराब हो गई और भारत (India) दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल हो गया. लेकिन आजादी के 75वें वर्ष में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विश्व के सामने गर्व से खड़ा है. केवल यही नहीं, हम इस दिशा में तेजी से आगे भी बढ़ रहे हैं.
दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर न्यूयॉर्क में आयोजित 'भारत@75: इंडिया-यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन' प्रोग्राम में शिरक्त करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में भारत की अर्थव्यस्था समेत कई अन्य विषयों पर संबोधन किया. विदेश मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी ने खाद्य सुरक्षा तंत्र को सफलतापूर्वक उन्नत किया है.
विकसित देश बनने का रखा लक्ष्य
एस जयशंकर ने अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत में डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन उपलब्ध कराया जा चुका है. उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत ने एक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट देश के दूर-दराज गांवों और कस्बों को डिजिटाइज करने का है जिसपर हम तेजी से काम कर रहे हैं.
वैश्विक जलवायु कार्रवाई पर भारत की भूमिका
विदेश मंत्री ने जलवायु परिवर्तन पर भारत की भूमिका को लेकर कहा कि हमने वैश्विक जलवायु कार्रवाई के लिए दो प्रमुख पहल पर काम किया है. इसमें पहला 2015 में फ्रांस के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन है, आज इसके 100 से अधिक सदस्य हैं. इसके अलावा हमारी जो दूसरी पहल है वह है आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन है जिसमें भारत संस्थापक सदस्य है.
एस जयशंकर ने अपने संबोधन में भारत और संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी को लेकर कहा कि हम पृथ्वी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लि प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और उसके चार्टर पर पूरा भरोसा है.
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