S Jaishankar On India China Row: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार (9 दिसंबर) को कहा कि भारत को पिछले तीन वर्षों में उत्तरी सीमाओं पर असाधारण रूप से कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा है, जिसका देश ने बहुत डटकर जवाब दिया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी सैन्य तैनाती को बनाए रखा है. 


उन्होंने कहा, ''भले ही यह कोविड के बीच में हुआ, फिर भी हमने बहुत सख्ती से, बहुत दृढ़ता से जवाब दिया और आज तक हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिस भी तरीके से जरूरी है, तैनात हैं.''


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विदेश मंत्री ने यह बात फिक्की में अपने एक संबोधन में कहीं, जिसमें बताया गया कि कैसे मोदी सरकार आत्मविश्वास के साथ एक के बाद एक विकल्प चुनती है, चाहे वे कितने भी कठिन और मुश्किल क्यों न हों.


पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिक तीन साल से ज्यादा समय से टकराव की स्थिति में हैं, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है.


चीन को लेकर विदेश मंत्री बोले- कोई असहज है तो उसकी समस्या है


जयशंकर ने यह भी बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जागरूकता पैदा करने की कोशिश की या क्वाड ढांचे के तहत सहयोग के लिए आगे बढ़े, हालांकि एक नैरेटिव था कि यह किसी को असहज कर सकता है, परोक्ष रूप से इसे चीन के संदर्भ में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि अगर कोई और असहज है तो यह उनकी समस्या है.


जयशंकर ने कहा, ''आखिर हमें वही करना होगा जो हमें करना है. चाहे वह कितना ही मुश्किल और कठिन क्यों न हो. यह एक के बाद एक विकल्प चुनने में सक्षम होने के आत्मविश्वास के बारे में है.'' उन्होंने कहा कि ऐसा दृष्टिकोण हमें भारत के रूप में परिभाषित करेगा.


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