नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर नई दिल्ली में कल यानि शनिवार को डिनर देंगे. खास बात है कि इस डिनर में पाकिस्तान के राजदूत को भी बुलाया गया है. सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. जयशंकर ने नई दिल्ली में मौजूद सभी राजदूतों को डिनर पर बुलाया है, जिसमें पाकिस्तान के भी राजदूत शामिल हैं.
यहां ध्यान रहे कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी. दोनों नेताओं ने एक दूसरे का सिर्फ हाल-चाल जाना था. पीएम मोदी और इमरान खान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बिश्केक गए थे.
इस मुलाकात के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने बुधवार को दावा किया कि नई दिल्ली इस्लामाबाद के साथ वार्ता के लिए तैयार है. इस दावे को भारत ने पूरी तरह से झूठ करार दिया. भारत ने कहा कि उसके इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है कि वार्ता बहाली के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ पहले ‘सत्यापन योग्य’ और ‘ठोस’ कदम उठाना होगा.
खबर को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में अपने समकक्षों के बधाई संदेशों का उत्तर देते समय ऐसी कोई बात नहीं की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी की ओर से खान को पत्र 12 जून को भेजा गया था.
पाकिस्तान के समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में बृहस्पतिवार को एक खबर में दावा किया गया कि पाकिस्तान की बातचीत संबंधी ताजा अपील के जवाब में मोदी और जयशंकर ने कहा कि भारत क्षेत्र की समृद्धि के लिए पाकिस्तान समेत सभी देशों के साथ वार्ता का इच्छुक है.
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बधाई संदेशों के जवाब के संबंध में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने पाकिस्तान में अपने समकक्षों के बधाई संदेशों का जवाब स्थापित राजनयिक प्रक्रिया के अनुसार दिया.’’
रवीश कुमार ने कहा कि अपने संदेशों में उन्होंने इस बात को रेखांकित किया है कि भारत पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य और सहयोगात्मक संबंध चाहता है. कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा ‘इसके लिए आतंकवाद, हिंसा एवं शत्रुता से मुक्त और भरोसे का माहौल बनाना जरूरी है.’''
भारत ने जनवरी 2016 में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई वार्ता नहीं की है. भारत का कहना है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय वायुसेना की बालाकोट में कार्रवाई के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ा हुआ है.