नई दिल्ली : भारत-पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद पर जोरदार प्रहार किया है. उन्होंने दो टूक शब्दों में आतंक को रोकने के लिए पूरी दुनिया को कहा है. OIC में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद पर जमकर निशाना साधा.


सुषमा ने आतंकवाद और कट्टरवाद दोनों को एक बताते हुए कहा है कि इस्लाम का संदेश शांति है और कुरान में कहा गया है, 'धर्म की मजबूरी नहीं होनी चाहए'. सुषमा स्वराज ने आगे कहा, '' ऋग्वेद में कहा गया है कि भगवान एक है लेकिन लोग अलग-अलग तरह से उसका बखान करते हैं. यही दुनिया के सभी धर्मों में कहा गया है.''





मुस्लिम देशों के नेताओं की मौजूदगी में सुषमा स्वराज ने आगे कहा, ''आतंकवाद के खिलाफ केवल मिलिटरी और कूटनीति से नहीं लड़ा जा सकता बल्कि धर्म के सही मायने समझाकर इससे लड़ा जा सकता है. इसके लिए धर्म के जानकारों को सामने आना होगा. युवाओं को भविष्य बचाना होगा, हिंसा का रास्ता छोड़ना होगा.''


भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ''हमारे देश में हिंदू और मुस्लिम सौहार्द के साथ रहते हैं. हालांकि वे लोग बहुत कम हैं जो कट्टरवाद के चंगुल में फंस गए हैं. आतंकवाद केवल धर्म को खत्म करने का काम करता है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है. अल्लाह के 99 नामों में किसी का मतलब हिंसा नहीं है.''


सुषमा स्वराज ने आग कहा, ''अगर हम शांति चाहते हैं तो हमें आतंकवाद को पनाह, मदद देने वाले मुल्क को ऐसा करने से रोकना होगा. आतंक के ढांचे को खत्म करना होगा. आतंकवाद का मुकाबला केवल सेना की ताकत, इंटेलिजेंस या कूटनीति से नहीं हो सकता.''


सुषमा स्वराज ने कहा, ''यहां के कई देशों के साथ भारत के मजबूत और अच्छे संबंध हैं. भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की वजह से संबंध और मजबूत हुए हैं. भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. हम ग्लोबल डिवेलपमेंट के लिए भी बहुत कुछ करना चाहते हैं.''





सुषमा स्वराज ने कहा, '' OIC में यूएन के चौथाई देश और मानवता के भी चौथाई देश शामिल हैं. हममें से कई देशों ने उपनिवेशवाद का अंधकार देखा है.'' सुषमा स्वराज ने कहा, ''कई देशों ने साथ में आजादी का उजाला देखा. आज हम प्रतिष्ठा के मामले में बराबरी पर खड़े हुए हैं.''