Earthquake In Andaman and Nicobar: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आज (10 नवंबर) तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. द्वीप के पोर्टब्लेयर से 253 किमी दक्षिण-पूर्व में 10 नवंबर की सुबह लगभग 2:29 बजे 4.3 तीव्रता का भूकंप आया. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) ने बताया कि भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी.


इससे पहले 8 नवंबर की देर रात भारत में कई जगह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. पड़ोसी देश नेपाल के डोटी में भूकंप के कारण 6 लोगों की मौत हो गई. भारत में दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र नेपाल था. नेपाल सीमा से सटे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के पास भी सबसे तेज 6.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. 






अंडमान और निकोबार में भूकंप 


अंडमान और निकोबार की बात करें तो यहां इससे पहले 2 और 3 सितंबर को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता क्रमश: 4.9 और 4.4 मापी गई थी. इसके बाद 24 सितंबर को यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए. द्वीपीय प्रदेश में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई थी. भूकंप के झटके तेज थे लेकिन, इससे किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ. 


क्यों आता है भूकंप


धरती की ऊपरी सतह टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं. जब प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है. उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है. कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और इसके कारण भूकंप आते हैं. 


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