Earthquake in Delhi-NCR: भारत-चीन और नेपाल में मंगलवार की देर रात करीब 2 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता 6.3 रिएक्टर स्केल मांपी गई. नेपाल में भूकंप के चलते घर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई. वहां पर एक के बाद एक तीन झटके आए. पहली बार 8 बजकर 52 मिनट पर, दूसरी बार 9 बजकर 41 मिनट पर और तीसरी बार 1 बजकर 57 मिनट पर आए झटके ने 2015 के हादसे की याद दिला दी. भूकंप के तेज झटके की दहशत के चलते आधी रात घरों के अंदर सो रहे लोग अपने घरों से बाहर निकल गए तो कहीं ऑफिस में काम कर रहे लोग बाहर की तरफ भागे.
दिल्ली-एनसीआर के साथ ही, यूपी-उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा और मध्य प्रदेश तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सुबह 6.27 बजे फिर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई. हालांकि, भूकंप की वजह से भारत में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. गोरखपुर में भी देर रात के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने टेलीफोन पर बातचीत में बताया कि भूकंप दो बार आया. रात 8 बजकर 52 मिनट पर 4.6 तीव्रता और रात 1 बजकर 57 मिनट पर 5.7 रिक्टर स्केल की तीव्रता रही.
नेपाल में मणिपुर था भूकंप का केंद्र
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक 8 नवंबर सुबह 4:37 बजे से लेकर 9 नवंबर की सुबह 6:27 बजे तक उत्तर भारत ने भूकंप के 3 झटके महसूस किए हैं. इसमें सबसे तेज भूकंप के झटके 8 और 9 तारीख की दरमियानी रात 01:57 बजे महसूस हुए. इसका केंद्र नेपाल में था. यह केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से महज 90 किलोमीटर दूर था. इसके बाद सुबह फिर से भूकंप आया, जिसका केंद्र पिथौरागढ़ ही रहा. जिस वक्त भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर में लगे उस वक्त अधिकतर लोग सोए हुए थे. जिन्हें पता लगा वो फौरन घरों से बाहर निकल गए.
एक घंटे पहले यूपी के कई जिलों में लगे थे झटके
बता दें कि दिल्ली एनसीआर में देर रात 2 बजे आए भूकंप से पहले उत्तराखंड और यूपी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.9 मापी गई थी. इसका केंद्र उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा पर बताया गया था. भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर नीचे बताई गई थी. इन दोनों झटकों से पहले मंगलवार को 4.4 की तीव्रता का एक और भूकंप का झटका नॉर्थ इंडिया के कुछ शहरों में लोगों ने महसूस किया था. यह भूकंप सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर महसूस किया गया था. इसका केंद्र चम्फाई, मिजोरम था.
भूकंप आए तो इन बातों का रखें ध्यान
भूकंप के दौरान आपका सुरक्षित स्थान पर रहना बहुत जरूरी है. भूकंप से इमरातों और घरों के गिरने का खतरा रहता है. भूकंप से जितनी भी मौतें होती हैं वो बिल्डिंग के मलबे में दबकर ही होती हैं. ऐसे में जरूरी है कि भूकंप के दौरान आप सेफ जगह पर रहें. भूकंप के दौरान आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
यदि घर के अंदर हैं तो
- यदि आप भूकंप के दौरान घर के अंदर हैं तो जमीन पर झुक जाएं. किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे जाकर बैठ जाएं. अगर घर में कोई मेज या डेस्क नहीं है तो चेहरे और सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं.
- किसी इंटरनल गेट के लेंटर, किसी कमरे के कोने में, किसी मेज या पलंग के नीचे शरण लें.
- भूकंप के दौरान शीशे, खिड़कियों, दरवाजों और दीवारों से दूर रहें. गिरने वाली चीजों के आसपास न रहें.
यदि आप घर के बाहर हैं
- यदि आप घर के बाहर हैं तो जहां हैं वहीं रुक जाएं. बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों और बिजली/टेलीफोन आदि के खंभों और तारों से दूर रहें.
- यदि आप किसी खुली जगह पर हैं तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं.
- बेहतर है कि खुले मैदान में जाकर खड़े हों.