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Earthquake: आखिर क्यों आता है बार-बार भूकंप ? क्या है इसके पीछे की वजह
Earthquake: साधारण शब्दों में समझा जाए तो जमीन के कापने को भूकंप कहते है. जियोलॉजिस्ट के मुताबिक भूकंप की असली वजह टेक्टोनिक प्लेटों में तेज हलचल होती है.
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Earthquake: दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में मंगलवार (21 मार्च) रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने 6.6 तीव्रता के भूकंप की मैपिंग की. इसके अलावा उत्तरी अफगानिस्तान में फैजाबाद के 133 किमी दक्षिण पूर्व में भूकंप का केंद्र था. भारत समेत पाकिस्तान,अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान में भी झटके महसूस किए गए. एक महीने में यह तीसरी बार झटके महसूस किए गए हैं.
इसके पहले गुजरात में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र गुजरात का राजकोट था. जानकारी के अनुसार झटके दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर महसूस किए गए थे.
क्या होता है भूकंप
साधारण शब्दों में कहा जाए तो जमीन के कांपने को भूकंप कहते है. जब धरती के नीचे की सतह में चट्टानें आपस में टकराती हैं या टूटती हैं तो भूकंप का केंद्र कहलाता है. इसे हाइपरसेंटर भी कहते है. यह धरती के लिथोस्फीयर में एनर्जी के अचानक रिलीज हो जाने की वजह से बनने वाली सिस्मिक वेव से होता है.
भूकंप आने के क्या कारण होते है
जियोलॉजिस्ट के मुताबिक भूकंप की असली वजह टेक्टोनिक प्लेटों में तेज हलचल होती है. इसके अलावा माइन टेस्टिंग, वोल्केनिक इरप्शन और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं.
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूकंप विज्ञान केंद्र भूकंप की तीव्रता और समय का पता लगाने के लिए सिस्मोग्राफ का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का पैमाना है इसे रिएक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है.
जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता से क्या हो सकता है असर
जब .0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आता है तो सिर्फ सिस्मोग्राफ से ही पता चलता है.
रिक्टर स्केल पर .2 से 2.9 का भूकंप आता है तो हल्का कंपन होता है.
.3 से 3.9 तक के भूकंप आने पर ऐसा असर होता है जैसे कोई कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए.
जब.4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आता है तो दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते है. खिड़कियां टूट सकती हैं.
रिक्टर स्केल पर .5 से 5.9 का भूकंप आता है तो फर्नीचर हिल सकता है.
.6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है.
रिक्टर स्केल पर .7 से 7.9 का भूकंप आता है तो इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते है.
8 से 8. 9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते है.
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