हरियाणा के रोहतक में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 2.4 तीव्रता
इससे पहले शुक्रवार को भी रोहतक में भूकंप के झटके मेहसूस किए गए थे. कल 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था.
नई दिल्ली: देश के लोगों को एक तरफ कोरोना की मार तो वहीं अब लगातार भूकंप के झटकों का भी सामना करना पड़ रहा है. पिछले कुछ दिनों में देश में कम तीव्रता के कई भूकंप आए हैं. आज हरियाणा के रोहतक में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.4 दर्ज की गई है. भूकंप शनिवार रात 9 बजकर 11 मिनट पर आया था.
इससे पहले शुक्रवार को भी रोहतक में भूकंप के झटके मेहसूस किए गए थे. कल 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था.
An earthquake of magnitude 2.4 on the Richter scale hit 3 km northwest of Rohtak, Haryana at 21:11:23 (IST) today: National Center for Seismology
— ANI (@ANI) June 27, 2020
क्या है भूकंप पृथ्वी की बाहरी सतह सात प्रमुख और कई छोटी पट्टियों में बंटी होती है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें (प्लेटें) इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं.
भूकंप के दौरान सतर्कता से जुड़ी कुछ जरूरी बातें:
अगर आप किसी इमारत के अंदर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं. यदि कोई मेज या ऐसा फर्नीचर न हो तो अपने चेहरे और सर को हाथों से ढंक लें और कमरे के किसी कोने में दुबककर बैठ जाएं. अगर आप इमारत से बाहर हैं तो इमारत, पेड़, खंभे और तारों से दूर हट जाएं. अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके वाहन रोक दें और वाहन के अंदर ही बैठे रहें. अगर आप मलबे के ढेर में दब गए हैं तो माचिस कभी न जलाएं, न तो हिलें और न ही किसी चीज को धक्का दें. मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के-हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें. अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं. कोई चारा न होने की स्थिति में ही शोर मचाएं. शोर मचाने से आपकी सांसों में दमघोंटू धूल और गर्द जा सकती है. अपने घर में हमेशा आपदा राहत किट तैयार रखें.
भूकंप आता कैसे है?
पृथ्वी की बाहरी सतह सात प्रमुख और कई छोटी पट्टियों में बंटी होती है. 50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की ये परतें लगातार घूमती रहती हैं. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें (प्लेटें) इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं.
भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है. पांचवा जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है. पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं.