Earthquake Today In Nepal : नेपाल में शुक्रवार (03 नवंबर) को देर रात आए भूकंप से भारी तबाही मच गई है. 6.4 तीव्रता के जोरदार भूकंप के झटके भारत में भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए. बिहार की राजधानी पटना और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.


समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले उत्तर-पश्चिमी नेपाल के जिलों में जजरकोट के रामीडांडा में जोरदार भूकंप आने से कम से कम 128 लोग मारे गए और हजारों लोगों के घायल होने की सूचना है. नेपाल की राजधानी काठमांडू से इसकी दूरी 519 किलोमीटर है.


क्यों नेपाल में आते हैं भूकंप


विशेषज्ञों की मानें तो नेपाल पहाड़ियों और पठारी क्षेत्रों से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से टेक्टोनिक प्लेट्स में अमूमन हलचल होती रहती है. धरती का दूसरा लेयर टेक्टोनिक प्लेट से बना है जो खिसकता रहता है. शुक्रवार रात को भी जजरकोट के जिस इलाके में नेपाल में भूकंप आया है वह पहाड़ी क्षेत्र है. सूत्रों ने बताया है कि करीब एक लाख 90 हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र में पहले भी भूकंप की वजह से झटके महसूस किए जाते रहे हैं. इस बार इसकी तीव्रता अधिक होने की वजह से जान माल का काफ़ी नुकसान हुआ है.


भारत के इन शहरों में भूकंप, इतनी है दूरी


नेपाल में आए भूकंप के झटके भारत की राजधानी नई दिल्ली के अलावा बिहार के पटना और उत्तर प्रदेश के लखनऊ और आस-पास के इलाके में भी महसूस किए गए हैं .राजधानी पटना सहित भूकंप के केंद्र की दूरी करीब 830 किलोमीटर है जबकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सबसे कम महज 382 किलोमीटर दूर है. वहीं राजधानी दिल्ली से नेपाल के जजरकोट का इलाका 726 किलोमीटर दूर है. इसी लंबी दूरी की वजह से भारत में अभी तक जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.


भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के लखनऊ, नोएडा, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों के अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी महसूस किए गए. भूकंप के झटके दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए, जिसके चलते ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग बाहर निकल आए थे.


नेपाल के प्रधानमंत्री ने दिए विशेष निर्देश 


नेपाल के पीएमओ ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट कर बताया कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात 11:47 बजे जजरकोट के रामीडांडा में भूकंप से हुई मानवीय और भौतिक क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है और सभी 3 सुरक्षा एजेंसियों को तत्काल बचाव और राहत के लिए तैनात किया है.


स्थानीय लोगों ने बताया किस तरह से पसरा मौत का मातम


स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि जजरकोट में भूकंप के केंद्र के पास के क्षेत्रों में  सबसे अधिक नुकसान हुआ है. रात 11.28 बजे के करीब जब भूकंप के झटके लगे तब अचानक सैकड़ों इमारतें धराशायी हो गई थीं, जिसमें दबकर लोगों की मौत हो गई. अचानक मौत की इस दस्तक से पूरे क्षेत्र में अफरातफरी, चीख पुकार और दहशत का माहौल बन गया था. यह एक पहाड़ी जिला है और सुदूर पहाड़ियों में बिखरे हुए गांव हैं.


जजरकोट के स्थानीय अधिकारी हरीश चंद्र शर्मा ने कहा कि उनके जिले में कम से कम 34 लोग मारे गए हैं, जबकि पड़ोसी रुकुम पश्चिम जिले में, पुलिस अधिकारी नामराज भट्टाराई ने कहा कि कम से कम 35 लोगों की मौत की सूचना मिली है. बता दें कि नेपाल में एक महीने में तीसरी बार तेज भूकंप आया है.


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