Earthquake in Katra: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के कटरा (Katra) में आज फिर धरती कांपी. यहां सुबह करीब 7 बजकर 52 मिनट पर भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. वहीं अचानक धरती हिलने से लोग दहशत में आ गए. इधर नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर  3.5 तीव्रता का भूकंप मापा गया है.  भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी.  


नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र कटरा से 62 किमी दूर था. बता दें कि पिछले कई दिनों में जम्मू-कश्मीर में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए हैं. वहीं आज आए भूकंप की वजह से अभी तक कोई जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है.



26 अगस्त को भी कटरा में आया था भूकंप
 26 अगस्त को भी कटरा में रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता का भूकंप आया था. भूकंप के झटके सुबह 03.28 बजे महसूस किए गए थे. इस दौरान भूकंप की गहराई जमीन से 5 किमी नीचे थी.इससे पहले 25 अगस्त को कटरा में रिक्टर पैमाने पर 3.2 और 4.1 तीव्रता के दो भूकंप एक घंटे के अंतराल में आए थे. रात 11:04 बजे झटके महसूस किए गए थे.  भूकंप 33.20 डिग्री उत्तर अक्षांश और 75.56 डिग्री पूर्व देशांतर 5 किमी की गहराई पर आया था.  भूकंप की गहराई जमीन से 5 किमी नीचे थी.वहीं  23 अगस्त को कटरा में छह घंटे से भी कम समय में चार भूकंप आए थे.


भूकंप क्यों आते हैं
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं. ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है.भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है. लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे सुनामी भी कहते हैं.


भूकंप की तीव्रता किस पैमाने पर मापी जाती है
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है.


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