Delhi Earthquake: दिल्ली में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.6 थी. नॉर्थ दिल्ली के लोगों ने 3.36 बजे भूकंप के झटके महसूस किए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार इसका केंद्र उत्तरी दिल्ली में जमीन की सतह से 10 किमी नीचे था. 


पिछले सप्ताह दिल्ली में आया था भूकंप


इससे कुछ दिन पहले पश्चिम नेपाल में 5.6 की तीव्रता से भूकंप आया था, जिसके बाद दिल्ली एनसीआर और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. 


वहीं दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 3 नवंबर की रात करीब 11.40 बजे भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. तब नेपाल में 6.4 की तीव्रता से धरती हिली थी. उस समय भूकंप का केंद्र नेपाल में 28.84 डिग्री अक्षांश और 82.19 डिग्री देशांतर पर 10 किमी की गहराई पर था. 


नेपाल में भूकंप आना सामान्य बात


राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र जोन IV के अंतर्गत आता है. यह क्षेत्र भूकंप को लेकर ज्यादा जोखिम भरा माना जाता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा, "नेपाल भारतीय और यूरेशिया की टेक्टॉनिक प्लेटों की सीमा पर है. इन प्लेटों में लगातार टकराव होती रहती है, जिससे अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है. इस वजह से नेपाल में भूकंप आता है." 


उन्होंने कहा, "पश्चिमी नेपाल में टेक्टॉनिक हलचल के कारण 520 साल पहले तेज भूकंप नहीं आया. इस वजह से वहां धरती के नीचे बहुत सारी एनर्जी जमा हो गई. इस वजह से इन क्षेत्रों में एनर्जी रिलीज होने के लिए भूकंप आना नॉर्मल बात है."


नेपाल सहित उत्तर भारत के क्षेत्रों में बार-बार भूकंप आने की बड़ी वजह पृथ्‍वी के भीतर मौजूद प्लेटों के आपस में टकराव को माना जाता है.


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