(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली-NCR में कांपी धरती, गुरुग्राम-फरीदाबाद तक महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.1 रही तीव्रता
दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई है. इससे पहले 3 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर दिल्ली -एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे.
EarthQuake In Delhi NCR: दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. यह झटके 4 बजकर 8 मिनट पर महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद में था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई है. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था.
जिस वक्त धरती थरथराई उस समय लोग अपने घरों पर थे और भूंकप आने पर बाहर निकल आए.लोगों ने बताया कि उन्होंने भूकंप के तेज झटके महसूस किए. 2 हफ्ते में यह दूसरा मौका है, जब दिल्ली-एनसीआर में धरती कांप उठी.
3 अक्टूबर को आया था भूकंप
इससे पहले 3 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर दिल्ली -एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे. उस समय भूकंप का केंद्र नेपाल था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई थी.
Earthquake of Magnitude:3.1, Occurred on 15-10-2023, 16:08:16 IST, Lat: 28.41 & Long: 77.41, Depth: 10 Km ,Location: 9km E of Faridabad, Haryana, India for more information Download the BhooKamp App https://t.co/bTcjyWm0IA @KirenRijiju @Dr_Mishra1966 @moesgoi @Ravi_MoES pic.twitter.com/gG5B4j3oBs
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) October 15, 2023
क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी है. इसमें इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट परत शामिल हैं. इसकी क्रस्ट को लिथोस्फेयर कहा जाता है. यह क्रस्ट 50 किलोमीटर की मोटी होती है और कई वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं. पृथ्वी के अंदर कुल 7 प्लेट्स हैं. यह प्लेटें लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट ज्यादा हिलने लगती हैं तो भूकंप के झटके लगते हैं.
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता?
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल से मापी जाती है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. भूकंप को इसके एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा के जरिए उसकी तीव्रता को मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है.