Earthquake in Arunachal Pradesh: महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश गुरुवार (21 मार्च) सुबह भूकंप के झटकों से हिल उठे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया है कि देश के पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई है, जबकि पूर्वोत्तर के अरुणाचल में आया भूकंप 3.7 की तीव्रता वाला था. सुबह-सुबह आए भूकंप की वजह से अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. 


राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, महाराष्ट्र के हिंगोली में 10 किमी की गहराई पर भूकंप का केंद्र रहा है. भूकंप के झटकों को सुबह 6.08 बजे महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई. 4 से लेकर 4.9 की तीव्रता वाले भूकंप को हल्के भूकंप के तौर पर परिभाषित किया जाता है. ऐसे में महाराष्ट्र में आया भूकंप हल्की तीव्रता वाला रहा, लेकिन इसकी वजह से लोगों के मन में डर जरूर पैदा हुआ. कुछ लोग झटके महसूस करने के बाद घर से बाहर निकल आए.




दो घंटे में भूकंप के दो झटकों से हिला अरुणाचल प्रदेश


भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप का पहला झटका अरुणाचल प्रदेश में रिपोर्ट किया गया. देश के पूर्वोत्तर राज्य में कुछ घंटों के अंतराल पर भूकंप के दो झटके महसूस किए गए. भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि सबसे पहला झटका गुरुवार तड़के 1.49 बजे रिकॉर्ड किया गया. राज्य के पश्चिमी कामेंग में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. इसका केंद्र 10 किमी की गहराई में था. रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटकों की तीव्रता 3.7 मापी गई. 




वहीं, दो घंटों बाद अरुणाचल प्रदेश एक बार फिर से भूकंप के झटकों से हिल उठा. सुबह 3.40 बजे राज्य में धरती के हिलने की जानकारी मिली. इस भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई. भूकंप का केंद्र पश्चिमी कामेंग रहा. इस भूकंप के केंद्र की गहराई 5 किमी थी. रिक्टर स्केल पर 3 से 3.9 की तीव्रता के बीच रहने वाले भूकंप के झटकों को मामूली भूकंप के तौर पर जाना जाता है. यही वजह है कि अभी तक जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. 


भूकंप कैसे आता है? 


धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं, जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं, एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल होता है. यह स्केल 1 से 9 तक होती है, जिसमें 1 कम तीव्रता की ऊर्जा को दर्शाता है और 9 सबसे ज्यादा तीव्रता की ऊर्जा को दर्शाता है.


यह भी पढ़ें: Oldest Earthquake: भूकंप का सबसे पुराना प्रमाण अफ्रीका में मिला, 3.3 अरब साल पुरानी चट्टानों में मिली हैरान करने वाली चीजें