गुवाहाटी: असम में गुरुवार को कुछ घंटों के अंतराल में धरती दो बार हिली और इसके साथ ही पड़ोसी मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, इसमें जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप का पहला झटका बराक घाटी के करीमगंज में 18 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था जिसकी तीव्रता 4.1 थी. यह सुबह 7:57 बजे महसूस किया गया.
मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए
अधिकारियों ने बताया कि शिलांग और पश्चिमी गारो हिल्स क्षेत्र सहित समूचे मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. असम में भूकंप का दूसरा झटका अपराह्न 1.09 बजे आया जिसकी तीव्रता 2.6 थी. यह झटका पश्चिमी मेघालय में भी महसूस किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि भूकंप की वजह से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र उच्च भूकंपीय क्षेत्र की श्रेणी में आता है जहां भूकंप प्राय: आता रहता है. पिछले एक महीने में क्षेत्र में कई बार भूकंप के झटके आए हैं जिनमें से अधिकतर का केंद्र पश्चिमी मिजोरम था. इससे चंफाई जिले में नुकसान भी हुआ.
भूकंप आता कैसे है?
पृथ्वी की बाहरी सतह सात प्रमुख और कई छोटी पट्टियों में बंटी होती है. 50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की ये परतें लगातार घूमती रहती हैं. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें (प्लेटें) इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं.
भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है. पांचवा जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है. पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं.
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