Earthquake: अफगानिस्तान में मंगलवार (21 मार्च) रात को 6.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. इसमें कई लोगों की जान भी गई. इस भूकंप का असर उत्तर भारत में भी देखने को मिला. दिल्ली-पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों में तेज झटके महसूस किए गए. लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए, लेकिन इस दौरान कई लोग ऐसे भी थे, जिन्हें ये झटके बिल्कुल भी महसूस नहीं हुए. अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आप अकेले नहीं हैं. 


इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, एडवांसिंग अर्थ एंड स्पेस साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों को भूकंप महसूस नहीं होने का एक बड़ा कारण यह है कि वो झटकों के दौरान पर्याप्त रूप से अच्छी तरह से स्थित नहीं होते हैं. आसान भाषा में समझें तो जब भूकंप आया होगा उस समय वो एक जगह स्थिर होकर नहीं बैठे होंगे या सीधे नहीं खड़े होंगे और उनका शरीर लगातार मूव कर रहा होगा. ऐसे में जब झटके आए तो उनका ध्यान कहीं और था और इस वजह से उन्हें ये महसूस नहीं हुआ.


ऊंची इमारतों में ज्यादा महसूस होते हैं झटके


रिपोर्ट के अनुसार, जहां पर ज्यादा शोर हो रहा हो या लोगों की मूवमेंट तेज है तो ऐसे समय भूकंप के झटके कई बार महसूस नहीं होते हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ऐसी संभावना है कि ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग बंगले में रहने वाले लोगों की तुलना में भूकंप को अधिक महसूस कर सकते हैं, क्योंकि हिलती इमारतों की ऊपरी मंजिलों पर उच्च गति झटकों की तीव्रता को बढ़ाती है.


मानवीय संवेदनशीलता भी अहम वजह


वेस्टन ऑब्जर्वेटरी के निदेशक जॉन एबेल ने एक मीडिया आउटलेट को बताया कि झटके के प्रति मानवीय संवेदनशीलता एक अन्य कारक है जो यह निर्धारित करता है कि वो भूकंप के झटके महसूस करेंगे या नहीं. उन्होंने कहा, "मनुष्यों में कंपन महसूस करने की प्राकृतिक संवेदनशीलता होती है, लेकिन कुछ दूसरों की तुलना में अधिक संवेदनशील होते हैं."


एक अन्य भूकंप विशेषज्ञ, साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी के जॉन क्लेग ने एक समाचार रिपोर्ट में बताया कि यह ग्राउंड मोशन से निकलने वाली ऊर्जा पर भी निर्भर कर सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि नदी या तट के पास रहने वाले लोगों को भूकंप के झटके ज्यादा महसूस हो सकते हैं.


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