नई दिल्ली: विश्व बैंक की ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार से मिल रही सराहना के बाद अब मोदी सरकार ईज़ ऑफ़ लिविंग पर फ़ोकस करेगी. जैसा की नाम से साफ़ है ईज़ ऑफ़ लिविंग के तहत लोगों को जीवनयापन के लिए तैयार करने की योजना है. कौशल विकास मंत्रालय और कुछ अन्य मंत्रालय इस पर पिछले कुछ दिनों से काम कर रहा है.


कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में एक प्रेजेंटेशन दिया गया जिसमें सरकार के विज़न का ख़ाका तैयार किया गया है. बैठक में मोदी सरकार के तीन मंत्रियों - शहरी विकास राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) हरदीप पूरी, कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने प्रेजेंटेशन दिया .

प्रेजेंटेशन में मुख्य रूप से मुद्रा योजना, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, उज्ज्वला योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी मोदी सरकार की बड़ी फ्लैगशिप योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी. लगभग 1 घंटे तक चले प्रेजेंटेशन में तीन भागों में क़रीब 90 स्लाइड्स के ज़रिए पिछले तीन सालों में मोदी सरकार की तरफ से किये गए ऐसे कामों की जानकारी दी गयी जिसने आम लोगों के जीवन को बदलने का काम किया है.

इसके साथ ही मोदी सरकार के बचे हुए डेढ़ सालों में किये जाने वाले उन कामों का भी खाका पेश किया गया जिनके ज़रिये लोगों के जीवन में सुधार हो सकेगा. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से मेहनत करने का आह्वाहन करते हुए कहा कि लोगों के जीवन में सुधार के लिए किए गए कामों को जनता के बीच पहुंचाया जाए.

पिछले महीने ही वर्ल्ड बैंक की ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में 30 पायदान का जबरदस्त सुधार आया है. इस मौके पर मोदी ने कहा था कि ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस का मतलब है ईज़ ऑफ़ लिविंग. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक चुनावी सभा में भी मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार का मक़सद ईज़ ऑफ़ लिविंग है.

दरसअल वर्ल्ड बैंक ने पिछले कुछ सालों से ईज़ ऑफ़ लिविंग के पैमाने पर दुनिया भर के देशों की रैंकिंग करती आई है. इस रैंकिंग में पिछली बार भारत 119वें नम्बर पर था.