कारोबार सुगमता रिपोर्ट: छोटे निवेशकों के हित संरक्षण में भारत को मिला चौथा स्थान
छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के संदर्भ में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है. विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट(ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट) में यह जानकारी दी गयी है. यह पहला मौका है जब भारत ने कारोबार सुगमता के किसी भी पैमाने पर शीर्ष पांच देशों में जगह बनाई है.
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वाशिंगटन: छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के संदर्भ में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है. विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट(ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट) में यह जानकारी दी गयी है. यह पहला मौका है जब भारत ने कारोबार सुगमता के किसी भी पैमाने पर शीर्ष पांच देशों में जगह बनाई है.
रिपोर्ट के अनुसार, "भारत ने छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा, ऋण उपलब्धता और बिजली उपलब्धता के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है. देश के कंपनी कानून और प्रतिभूति नियमन को काफी बेहतर माना गया है. भारत को छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के पैमाने पर विश्व में चौथे स्थान पर रखा जा रहा है."
विश्व बैंक की हालिया "डूइंग बिजनेस 2018: रिफॉर्मिंग टू क्रियेट जॉब्स" रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल के दौरान भारत ने सुधारों के 10 में से आठ क्षेत्रों में उल्लेखनीय बेहतर प्रदर्शन किया है.
यह रिपोर्ट दो जून 2016 से एक जून 2017 के दौरान दिल्ली एवं मुंबई में क्रियान्वयन में लाये गये सुधारों पर आधारित है. इस दौरान स्थायी खाता संख्या (पैन) और कर खाता संख्या (टैन) के आवेदनों को मिलाकर नयी दिल्ली में कारोबार की शुरुआत करने की प्रक्रिया तेज की गयी है. इसी तरह मुंबई में मूल्य वर्धित कर और पेशा कर के आवेदनों को मिलाकर कारोबार शुरू करना आसान किया गया है.
इसके अलावा नयी दिल्ली नगर निगम और वृहन्न मुंबई नगर निगम में ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत कर घर बनाने की मंजूरी के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की संख्या तथा समय में कमी लायी गयी है.
रिपोर्ट ने कहा गया है कि संबंधित पक्षों के बीच पक्षपाती लेन-देन के मामलों को सुलझाने के लिए तरीकों को बढ़ाकर छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा मजबूत की गयी है. कर्मचारी भविष्य निधि में भुगतान के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम की शुरुआत कर तथा कॉरपोरेट आय कर संबंधी प्रावधानों को प्राशासनिक तरीकों से सरल बनाकर करों का भुगतान भी आसान किया गया है.
सीमा पार के व्यापार के संबंध में रिपोर्ट ने कहा है कि मुंबई में सीमा पार आयात के समय को 283 दिनों से कम कर अब 265 दिन कर दिया गया है. इसके अलावा व्यापारी विलंब शुल्क को समाप्त कर एवं इलेक्ट्रॉनिक तथा मोबाइल माध्यमों का इस्तेमाल बढ़ाकर दिल्ली एवं मुंबई में आयात-निर्यात संबंधी सीमा प्रावधान खर्च को भी कम किया गया है.
राष्ट्रीय न्यायिक आंकड़ा ग्रिड पेश कर अनुबंधों पर अमल भी आसान किया गया है. इससे स्थानीय अदालतों में किसी मामले में प्रबंधित रिपोर्ट पेश कर पाना संभव हुआ है.
इन सब के अलावा "दिवाला एवं शोधन कानून" अपनाने से दिवाला सुधार भी आसान हुआ है.
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