ईस्टर संडे ईसाइयों का महत्त्वपूर्ण धार्मिक पर्व है. ईसाई धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार 'गुड फ़्राइडे' को सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन ईसा मसीह (यीशु) पुनर्जीवित हो गए थे. इस पर्व को ईसाई धर्म के लोग 'ईस्टर दिवस', 'ईस्टर रविवार' या 'ईस्टर संडे' के रूप में मनाते हैं. ईसाईयों के लिए इस खास पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुभकामनाएंं दी हैं. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "हैप्पी ईस्टर! हम यीशु मसीह के विचारों और आदर्शों और सामाजिक न्याय के साथ-साथ करुणा पर बल को याद करते हैं. हमारे समाज में खुशी और भाईचारे की भावना को आगे बढ़ाया जाए."






वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा, "सभी को ईस्टर की बधाई! ईसा मसीह के पुनरुत्थान का जश्न मनाने का एक अवसर, ईस्टर हमें क्षमा, बलिदान और प्रेम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है. मसीह की शिक्षाएं सभी को संपूर्ण मानवता की भलाई के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करें."






ईस्टर संडे, गुड फ़्राइडे के बाद आने वाले रविवार को मनाया जाता है. ईस्टर खुशी का दिन होता है. इस पवित्र रविवार को 'खजूर इतवार' भी कहा जाता है. ईस्टर का पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. ईस्टर संडे को ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में इकट्ठा होते हैं और जीवित प्रभु की आराधना (उपासना) स्तुति करते हैं और ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में प्रभु भोज में भाग लेते हैं और एक-दूसरे को प्रभु ईशु के नाम पर शुभकामनाएं देते हैं.


कैसे मानते हैं ईस्टर?


ईस्टर के पहले हफ्ते को ईस्टर हफ्ता कहा जाता है. ईसाई धर्म के लोग इस वक्त प्राथना और व्रत रखते हैं. साथ ही इस दौरान चर्चों को बेहद खास अंदाज से सजाया जाता है. लोग यहां मोमबत्तियां जलाते हैं और अपने घरों को भी मोमबत्तियों से रोशन करते हैं. वहीं, बाइबल का विषेश रूप से पाठ भी किया जाता है. 


ईसाई धर्म के लोग ईस्टर के मौके पर एक दूसरे को अंडे गिफ्ट करते हैं. उनका मानना है कि अंडे नए जीवन का संदेश होता है. 


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