धुंधली हुई भारत की आस, अदालती सुनवाई पूरी होने तक डोमिनिका में ही रहेगा भगोड़ा मेहुल चौकसी
एंटीगुआ-बार्बुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन ने डोमेनिका सरकार से चौकसी को वापस भेजने की बजाए भारत को सौंपने का आग्रह किया था. लेकिन डोमेनिका ने भारत के देने की बजाए उसे एंटीगुआ-बार्बुडा भेजने का फैसला किया.पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ का चूना लगा करे भागे नीरव मोदी और मेहुल चौकसी विदेशों में जा बसे थे. नीरव जहां ब्रिटेन पहुंच गया था वहीं मेहुल जनवरी 2018 से कैरेबियाई मुल्क एंटीगुआ बार्बुडा में रह रहा था.
नई दिल्ली: कैरेबियाई देश डोमेनिका में पकड़े गए आर्थिक अपराध के भगोड़े मेहुल चौकसी को हासिल करने की भारत की आस अब धुंधली होने लगी है. डोमेनिका की अदालत ने चौकसी की याचिका का स्वीकार करते हुए सुनवाई पूरी होने तक उसे देश में ही रखने का आदेश दिया है. साथ ही उसे अपने वकीलों से मिलने की इजाजत देते हुए कोविड टेस्ट करा क्वारंटीन में रखे जाने को कहा है.
कोर्ट ने चौकसी को डोमेनिका-चाइना अस्पताल ले जाने की मंजूरी दी
इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 2 जून 2021 की तारीख मुकर्रर की है. वहीं 28 मई की सुबह बंद चैंबर में हुई सुनवाई में डोमेनिका स्थित कैरेबियाई हाई कोर्ट ने मेहुल चौकसी को कोविड टेस्ट और उपचार के लिए डोमेनिका-चाइना अस्पताल ले जाने की मंजूरी दी है. साथ ही कोविड टेस्ट का नतीजा आने तक मेहुल को सरकार और बचाव पक्ष की आपसी सहमति के सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा.
चौकसी को पुसिल सेल से बाहर आने की राहत मिल गई है. लेकिन उसकी पुलिस कस्टडी बरकरार है. इस बीच चौकसी को अपने वकीलों से मिलने की इजाजत दे दी गई है. गौरतब है कि डोमेनिका में चौकसी के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने पहुंचे वकील वेन नॉर्डी, वेन मार्श अदि ने आरोप लगाया था कि डोमेनिका पुलिस ने मिलने की इजाजत नहीं दी थी.
26 मई को चौकसी को डोमेनिका में गिरफ्तार किया
महत्वपूर्ण है कि गत 23 मई को एंटीगुआ में मेहुल चौकसी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद उसकी तलाश का लुक आउट नोटिस जारी किया गया था. वहीं 26 मई को चौकसी को डोमेनिका में गिरफ्तार किया गया.
मामले पर एंटीगुआ-बार्बुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन ने डोमेनिका सरकार से चौकसी को वापस भेजने की बजाए भारत को सौंपने का आग्रह किया था. लेकिन डोमेनिका ने भारत के देने की बजाए उसे एंटीगुआ-बार्बुडा भेजने का फैसला किया. हालांकि इस बीच चौकसी के वकीलों ने डोमेनिका की अदालत में अपील दाखिल कर न केवल डिपोर्टेंशन की कवायद पर रोक हासिल कर ली.
मेहुल के वकीलों का आऱोप- अपहरण कर डोमेनिका लाया गया
साथ ही मेहुल के वकीलों ने इस बात का भी आरोप लगाया कि मेहुल को एंटीगुआ से अपहरण कर डोमेनिका लाया गया है. साथ ही इस दौरान उसके साथ मारपीट भी की गई. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा किसने और किस मकसद से किया. ऐसे में मामले पर सुनवाई पूरी होने तक अदालत ने मेहुल को डोमेनिका में ही बनाए रखने को कहा है.
ध्यान रहे कि पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ का चूना लगा करे भागे नीरव मोदी और मेहुल चौकसी विदेशों में जा बसे थे. नीरव जहां ब्रिटेन पहुंच गया था वहीं मेहुल जनवरी 2018 से कैरेबियाई मुल्क एंटीगुआ बार्बुडा में रह रहा था. एंटीगुआ की अदालत में जहां मेहुल चौकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारत की अपील विचाराधीन है. वहीं एंटीगुआ सरकार ने भी मेहुल की निवेश आधारित नागरिकता को खत्म करने का फैसला किया मगर इसपर भी अभी अदालत का फैसला आना बाकी है.
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