Amit Shah in Indian Chamber of Commerce: पूर्वी भारत विकास की रेस में देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले पिछड़ गया था. लेकिन, पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम पूर्व भारत पर फोकस करेंगे. सात साल के भीतर पूर्वी भारत के विकास के लिए काफी कुछ हुआ. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (Indian Chamber of Commerce) के एक कार्यक्रम नॉर्थ ईस्ट इंडिया (Northeast India) के सशक्तिकरण पर बोलते हुए ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि असम में आजादी के पहले प्रति व्यक्ति आय देश के मुकाबले सबसे ज्यादा थी.
अमित शाह ने कहा कि विकास में पिछड़ने की वजह कुछ लोग विभाजन का दंश बताते हैं. कुछ लोग अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के कारण कटने की वजह बताते हैं. हमारे महत्वपूर्ण बंदरगाह के बांग्लादेश में जाने की वजह भी बताते हैं. कुछ लोग वामपंथियों के लंबे शासन को भी इसकी वजह बताते हैं. लेकिन, आंकड़े बताते हैं कि पूर्वी भारत का विकास देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले बेहद कम हुआ था. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज बंगाल, बिहार, उड़ीसा में परिवर्तन की बयार देखी जा सकती है. लेकिन, गड्ढा इतना बड़ा था कि भरने में समय लगता है. असम और पूर्वी भारत देश के विकास में बड़ा योगदान देते थे. लेकिन, बाद में यह विकास की दौड़ में पिछड़ गया. पूर्वोत्तर सांस्कृतिक विरासत के रूप में भी देश के लिए महत्वपूर्ण है. हर दृष्टि से पूर्वोत्तर को भारत के बराबर किए बगैर विकास की बात नहीं हो सकती है.
अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर इतना महत्वपूर्ण कि 5 देशों की सीमाएं यहां से जुड़ी हैं. विश्व के 18 बायोडायवर्सिटी स्पॉट में से एक पूर्वोत्तर है. हमें इसकी मार्केटिंग कर आगे बढ़ाना चाहिए. देश के फॉरेस्ट कवर का एक चौथाई हिस्सा पूर्वोत्तर में है और डेंस फॉरेस्ट का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा पूर्वोत्तर में है. एक दृष्टि से पूर्वोत्तर भारत का फेफड़ा है. सामाजिक दृष्टि से भी पूर्वोत्तर बहुत महत्वपूर्ण है. 270 से ज्यादा सामाजिक रूप हैं और 185 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी का इस्तेमाल करते हुए कुछ लोगों ने पूर्वोत्तर को बहुत कठिन बना दिया. 2014 से पहले तक पूर्वोत्तर के खिलाफ देश के बाकी लोगों के दिल में बड़ी खाई खड़ी करने का काम किया गया. जब बीजेपी अध्यक्ष था तब नागालैंड में एक दवाई की दुकान पर दवा लेने गया. दुकानदार पहचानता नहीं था. उसने पूछा कहां से आए हैं? मैंने कहा, कलकत्ते से आया. दुकानदार बोला- अच्छा भारत से आए हैं.
ये भी पढ़ें