Eastern Peripheral Expressway: ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर लगे हाई रेजोल्यूशन कैमरे, आधे किलोमीटर तक रहेगी साफ नजर
Eastern Peripheral Expressway: एक्सप्रेस-वे पर लगे कैमरे काफी खास है. ये आधे किलोमीटर दूर तक साफ देख सकते हैं. इसके लिए ट्रैफिक मॉनिटरिंग कैमरा सिस्टम लगाया गया है.
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Eastern Peripheral Expressway: अगर आप हाईवे पर हैं और आप सोच रहे हैं कि तेज रफ्तार से गाड़ी दौड़ाएंगे और कोई नहीं देखेगा और कोई चालान नहीं... तो आप गलत हैं. दिल्ली के पास बने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर हर गाड़ी के मूवमेंट पर नजर रखी जाती है. फिर चाहे वो स्पीड हो, कोई दिक्कत हो या फिर कोई हादसा. पूरे एक्सप्रेस-वे पर जगह-जगह हाई रेजोल्यूशन कैमरा लगे हैं जो हर गाड़ी की मूवमेंट पर नजर रखते हैं.
दिल्ली के पास बने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां गुजरती हैं. 145 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी बड़ी तेजी से गुजरती है. ऐसे में इस पर नजर रखने के लिए NHAI ने इस पूरे हाईवे पर हाई रेजोल्यूशन हाई टेक कैमरे लगाए हैं, जिससे ना सिर्फ गाड़ियों की स्पीड पर नजर रखी जा सके बल्कि अगर कोई गलत साइड गाड़ी चला रहा है तो उसकी भी जानकारी मिल सके या कोई हादसा हुआ है तो तुरंत मदद पहुंचाई जा सके. इसके लिए खास तरह के मॉनिटरिंग कैमरा और कंट्रोल रूम बनाया गया है.
काफी खास है कैमरे
एक्सप्रेस-वे पर लगे कैमरे काफी खास है. ये आधे किलोमीटर दूर तक साफ देख सकते हैं. इसके लिए ट्रैफिक मॉनिटरिंग कैमरा सिस्टम लगाया गया है जो आधे किलोमीटर तक साफ तस्वीर ले सकता है और रिकॉर्ड कर सकता है. इंजीनियर वरुण अग्रवाल ने बताया कि अगर एक्सप्रेस-वे पर कोई एग्जिट या एंट्री पर गलत साइड से चढ़ता है या उतरता तो वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम के जरिए डिटेक्ट हो जाता है और तुरंत इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को देता है, जिसे आगे मौजूद पेट्रोलिंग वैन उसे रोकती है.
इसी तरह अगर कोई तय स्पीड से वहां से गुजरता है तो व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम कैमरा उसकी तस्वीर ले लेता है. साथ ही लोकेशन लेकर उसे NIC के पास चालान के लिए भेज देता है यानी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे की सड़क पर अब लगातार नजर रखी जाती है. इसके लिए खास कैमरे और कंट्रोल रूम है. जहां दिन के 24 घंटे इन कैमरों के जरिए लगातार नजर रखी जा रही है.
इसके लिए एक्सप्रेस-वे पर 143 ट्रैफिक मॉनिटरिंग कैमरा सिस्टम, 28 वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम, 18 व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम, 18 ऑटोमेटिक ट्रैफिक काउंटर लगाए हैं. इसी सिस्टम को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर लगाया गया है. वहां पर भी हर गाड़ी पर नजर रखी जा रही है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक इस तकनीक से न सिर्फ रफ्तार पर बल्कि कोई दिक्कत या हादसे पर भी नजर रखी जा सकेगी. जिससे सिर्फ 10 मिनट से कम समय में लोगों तक मदद पहुंचाई जा सकेगी.
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