नई दिल्ली: ऐसी राजनीतिक पार्टियां जिनका कोई अता-पता ठिकाना ही नहीं है या जिन पार्टियों ने करीब 2004-05 से देश में कोई चुनाव ही नहीं लड़ा है, इनपर चुनाव आयोग की गाज गिर सकती है. सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग जल्द ही सीबीडीटी से इन दलों के खिलाफ कार्रवाई करने की पैरवी कर सकता है.


चुनाव प्रणाली में बड़े सुधारों के लिए चुनाव आयोग जल्द ही एक और बड़ा और जरूरी कदम उठा सकता है. सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने करीब 250 ऐसी पार्टियों की सूची तैयार की है जिनपर शक है कि ये पार्टियां सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग के काम में इस्तेमाल की जाती रही हैं. आयोग आने वाले दिनों में ऐसी पार्टियों की सूची सीबीडीटी को भेजेगा और ये सलाह देगा कि इन दलों पर नजर रखी जाए कि कहीं ये बेवजह टैक्स रियायतें तो नहीं ले रहे हैं और अगर ऐसा करते हुए पाया जाए तो इन दलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.


यही नहीं सूत्रों के मुताबिक इस सूची के साथ ही रजिस्टर्ड पार्टियों की सूची भी सीबीडीटी को भेजी जा सकती है जिनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद बिना किसी रोक टोक अपने को राजनीतिक पार्टियों की तरह व्यहार करती हैं.


चुनाव आयोग के मुताबिक अभी देश में सात राष्ट्रीय पार्टियां हैं और 58 क्षेत्रिए दल हैं. इनके अलावा देश में करीब 1786 रजिस्टर किए गए गैर-मंजूरशूदा पार्टियां है. अब इन्हीं में से करीब 250 ऐसी पार्टियों पर गाज गिर सकती है जो चुनाव तक नहीं लड़ते और जिनके कहीं दफ्तर तक कहीं नहीं बने हैं. हालांकि, ये प्रस्ताव फिलहाल शुरुआती स्तर पर चल रहा है और चुनाव आयोग का इस पर आधिकारिक रुख अख्तियार करना बाकी है.