नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने असम के मंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा के चुनाव प्रचार पर रोक की अवधि को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे कर दिया है. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता पर कार्रवाई करते हुए 48 घंटे का रोक लगा दिया था.


कांग्रेस ने कहा- ये लोकतंत्र के लिए काला दिन


कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे अपने आदेश को बनाए रखने की भी हिम्मत नहीं है. इतिहास इस पाप के लिए न तो चुनाव आयोग को और न ही बीजेपी को क्षमा करेगा. ये संसदीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है.


दरअसल, हेमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ कांग्रेस ने शिकायत दी थी कि उन्होंने कांग्रेस और बीपीएफ के उम्मीदवार मोहिलरी को धमकी देते हुए कहा था की एनआईए का इस्तेमाल कर जेल भिजवा देंगे.


चुनाव आयोग ने हेमंत बिस्व सरमा पर सार्वजनिक सभा करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रैलियां करने, रोडशो, इंटरव्यू देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर भी रोक लगा दिया था.


हेमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा जाएगा. बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस का सहयोगी दल है. पहले यह दल बीजेपी के साथ था.


असम में दो चरण की हो चुकी है वोटिंग


असम की कुल 126 सीटों पर तीन चरणों में वोटिंग की घोषणा हुई थी. इसमें से दो चरणों की वोटिंग हो चुकी है. पहले चरण के चुनाव में 27 मार्च को 47 सीटों पर करीब 79.97 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जबकि दूसरे चरण में गुरुवार को 39 सीटों पर मतदान हुआ. इस चरण में 80.83 फीसदी लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. बाकी 40 सीटों पर तीसरे और आखिरी चरण में 6 अप्रैल को चुनाव होंगे.


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