Karnataka Voter Scam Case: कर्नाटक (Karnataka) के मतदाता धोखाधड़ी मामले में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने कार्रवाई की है. आयोग ने मतदाता धोखाधड़ी (Voter Data Theft) के आरोपों को लेकर कर्नाटक में दो अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है. इसी के साथ निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक के शिवाजीनगर, चिकपेट और महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने और हटाने की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक के मुख्य सचिव और मुख्य चुनाव अधिकारी को तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची की सौ फीसदी जांच करने का निर्देश दिया है.


चुनाव निकाय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक जनवरी, 2022 के बाद शिवाजीनगर, चिकपेट और महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में किए गए बदलाव (नाम शामिल करने और हटाने) की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा करने का निर्देश दिया ताकि वे दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकें. कांग्रेस ने एक दिन पहले चुनाव निकाय में एक याचिका दायर की थी. उसके बाद आयोग ने यह निर्देश जारी किया. कांग्रेस ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि तीन विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में से 27 लाख नाम हटा दिए गए और 11 लाख नए नाम शामिल किए गए. 


किस एनजीओ पर वोटर डेटा चुराने का आरोप?


बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) क्षेत्र में एक गैर सरकारी संगठन पर मतदाताओं का डेटा संग्रह करने का आरोप लगा है. चिलूम शैक्षिक सांस्कृतिक और ग्रामीण विकास (चिलूम ट्रस्ट) के लिए काम करने वाली एक एनजीओ के लोगों पर मतदाताओं का डेटा चुराने का आरोप लगा है. एनजीओ को मतदाता जागरूकता अभियान चलाने का जिम्मा दिया गया था. वोटर डेटा की कथित चोरी को लेकर कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को घेर रही है.


कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने क्या कहा?


कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार मीणा ने इससे पहले जानकारी दी थी कि मामले में जांच का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा था कि आशंका है कि मतदाता जागरूकता अभियान के दौरान एनजीओ ने खुद को बूथ स्तरीय अधिकारी बताकर वोटर डेटा जुटाया, इसी आशंका के मद्देनजर जांच का आदेश दिया गया है.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मीणा ने कहा था कि बीबीएमपी आयुक्त के पास कुछ जानकारी थी. आशंका है कि फर्जी पहचान बताकर एनजीओ ने डेटा संग्रह किया. उन्होंने कहा था कि पुलिस और संभागीय आयुक्त की जांच के बाद सच सामने आ जाएगा.


कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया वोटर डेटा चुराने का आरोप


कांग्रेस का आरोप है कि एनजीओ के लोगों को फर्जी पहचान पत्र मुहैया कराए गए ताकि वे खुद को बीबीएमपी का बूथ स्तरीय अधिकारी दिखाकर वोटर डेटा जुटा सकें. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चिलूम ट्रस्ट ने मतदाताओं के चुराए गए डेटा को अपने ऐप पर भी अपलोड किया है.


कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बेंगलुरु स्थित राज्य निर्वाचन कार्यालय में 19 नवंबर को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. कांग्रेस ने सीधे बीजेपी सरकार पर मतदाताओं का डेटा चुराने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के इस्तीफे की मांग की है और कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग की है.


सीएम बसवराज बोम्मई का कांग्रेस पर पलटवार


सीएम बसवराज बोम्मई अपनी सरकार के ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर चुके हैं. 20 नवंबर को सीएम बोम्मई ने कहा कि वह पता करेंगे कि पहली दफा कब चिलूम ट्रस को घर-घर जाकर सर्वे करने का काम सौंपा गया था. बोम्मई ने कहा कि 2013 से 2018 तक कांग्रेस सत्ता में थी, तब उसने इसी गैर-सरकारी संस्था के साथ काम किया था. सीएम बोम्मई ने कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को 2013 से वोटर डेटा की कथित चोरी की जांच करने का निर्देश दिया है.


यह भी पढ़ें- 'कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना होती है, लेकिन...', कानून मंत्री की मौजूदगी में बोले CJI डीवाई चंद्रचूड़