नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में सुस्ती से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कहा है कि सरकार आगामी बजट में 'कार्य योजना' पेश करेगी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है. जावड़ेकर ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाने से जुड़े सवाल पर कहा कि अर्थव्यवस्था 'सुधार' के रास्ते पर है और किसी को भी निराशाजनक राय नहीं रखनी चाहिए.


बता दें कि आईएमएफ ने भारत सहित ग्लोबल इकॉनोमिक ग्रोथ आउटलुक को कम किया है. मुद्राकोष ने भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 2019-20 के लिए कम कर 4.8 प्रतिशत किया है. भारत में जन्मीं आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी और ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान कम हुआ है.


गोपीनाथ ने यह भी कहा कि 2020 में वैश्विक वृद्धि में तेजी फिलहाल काफी अनिश्चित बनी हुई है. यह अर्जेन्टीना, ईरान और तुर्की जैसी दबाव वाली अर्थव्यवस्थाओं के वृद्धि परिणाम और ब्राजील, भारत और मेक्सिको जैसी उभरती और क्षमता से कम प्रदर्शन कर रही विकासशील देशों की स्थिति पर निर्भर है.


आईएमएफ की टिप्पणी के बाद विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को आड़े हाथों ले रही है. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि अगर वृद्धि दर और भी कम हो जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ नोटबंदी की सबसे पहले निंदा करने वालों में से एक थी. मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और डॉ. गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए.






अर्थव्यवस्था वृद्धि दर को लेकर आईएमएफ के अनुमान और विपक्षी दलों के हमलों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी.


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