(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी करने को दी मंजूरी
फ़ैसले को अमल में लाने के लिए अब बीमा क़ानून में संशोधन किया जाएगा. विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भी किया था. एक अन्य फ़ैसले में कैबिनेट ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष के गठन को भी मंज़ूरी दी है. कोष का उद्देश्य स्वास्थ्य सेक्टर के विकास के लिए एक तय फंड मुहैया करवाना है.
नई दिल्ली: आर्थिक सुधार की दिशा में मोदी सरकार ने एक और अहम फ़ैसला लिया है. बुधवार को हुई बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने को मंज़ूरी दे दी है. फ़ैसले के मुताबिक़ बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 फ़ीसदी की जाएगी. फ़िलहाल ये सीमा 49 फ़ीसदी है. 2015 में मोदी सरकार ने ही इस क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 26 फ़ीसदी से बढ़ाकर 49 फ़ीसदी कर दिया था.
बीमा क़ानून में किया जाएगा संशोधन
इस फ़ैसले को अमल में लाने के लिए अब बीमा क़ानून में संशोधन किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक़ संशोधन बिल को संसद के वर्तमान सत्र में ही पेश किया जाएगा. इस क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भी किया था. उन्होंने कहा था कि निवेश की सीमा बढ़ाने के साथ साथ कुछ ऐसे उपाय भी किए जाएंगे जिसे स्वदेशी हित की रक्षा भी की जा सके.
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष के गठन को भी मंज़ूरी
एक अन्य फ़ैसले में कैबिनेट ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष के गठन को भी मंज़ूरी दी है. कोष का उद्देश्य स्वास्थ्य सेक्टर के विकास के लिए एक तय फंड मुहैया करवाना है. करदाताओं से लिए जाने वाले स्वास्थ्य और शिक्षा सेस के ज़रिए अर्जित होने वाले पैसे को अब इसी कोष में जमा किया जाएगा. सरकार फ़िलहाल करदाताओं से चार फ़ीसदी स्वास्थ्य और शिक्षा सेस के रूप में लेती है. कोष में जमा पैसों का इस्तेमाल आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना जैसे फ्लैगशिप कार्यक्रमों में किया जाएगा.
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