Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से नेशनल हेराल्ड धनशोधन (National Money Laundering Case) मामले में पूछताछ व्यक्तिगत कारणों के चलते 17 से 20 जून तक टालने के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस सांसद ने ईडी के जांच अधिकारी को पत्र लिख कर उन्हें शुक्रवार (17 जून) के लिए निर्धारित पूछताछ से छूट देने का अनुरोध किया था, क्योंकि वह अपनी बीमार मां, सोनिया गांधी के साथ रहना चाहते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को कोविड-19 से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राहुल (51) ने पिछले तीन दिनों में ईडी के अधिकारियों के साथ करीब 30 घंटे बिताये हैं, जिस दौरान उनसे पूछताछ की गई और धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत उनके बयान दर्ज किये गए. पूछताछ में राहुल गांधी खुद ही अपने नेताओं की भूमिका को बताने लगे हैं. वही वे ईडी के टेक्निकल सवालों से बचने की कोशिश भी कर रहे हैं.
3 दिनों में 30 घंटे तक पूछताछ
इस बात का भी अनुमान लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी से पूछताछ के बाद ईडी कुछ और बड़े लोगों को पूछताछ का नोटिस जारी कर सकता है. गौरतलब है कि यंग इंडियन मामले में ईडी ने राहुल गांधी से 3 दिनों तक लगभग 30 घंटे से ज्यादा पूछताछ की. इस पूछताछ के दौरान राहुल गांधी से उनके बैंक खातों विदेशी जायदाद से लेकर यंग इंडियन और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड को मिलने वाले लोन की बाबत पूछताछ की गई.
टेक्निकल सवालों पर राहुल गांधी ने साधी चुप्पी
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पूछताछ के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब में पूरी सफाई दी. उन्होंने कहा कि यंग इंडियन कंपनी (Young India Company) कोई प्रॉफिट कंपनी नहीं है न ही इस कंपनी से कोई निदेशक व्यक्तिगत तौर पर लाभ ले सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि खातों से लेनदेन संबंधी जानकारी कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा (Moti Lal Vora) रखते थे. सूत्रों का यह भी दावा है कि कई टेक्निकल सवालों के जवाब में राहुल गांधी ने चुप्पी साधे रखी और यह कहकर डालने की कोशिश की कि इस बाबत वह अपने सीए (CA) से पूछ कर बताएंगे या जानकारी एकत्र करके बताएंगे.
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