Amira Group Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अमीरा ग्रुप पर 1201.85 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. नई दिल्ली की विशेष पीएमएलए (PMLA) अदालत ने 31 जनवरी 2025 को इस मामले में संज्ञान लिया है.


ईडी ने करन ए चनाना, राधिका चनाना, अनीता डैंग, अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (M/s Amira Pure Foods Pvt. Ltd.) और अन्य के खिलाफ 06 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली की विशेष पीएमएलए (PMLA) अदालत में अभियोग पत्र (Prosecution Complaint) दाखिल किया था.


कैसे हुआ 1201 करोड़ रुपये का घोटाला?
सीबीआई (CBI) की एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी. अमीरा ग्रुप और इसके निदेशकों पर बैंकों से धोखाधड़ी कर लोन लेने और गबन करने का आरोप है. कैनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह को 1201.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. आरोपियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और बैंक लोन हेराफेरी के गंभीर आरोप लगे हैं.


ईडी की छापेमारी और 131.5 करोड़ की संपत्ति अटैच
PMMLA, 2002 के तहत देशभर में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई. 1.01 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए. 131.5 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया, जिनमें शामिल हैं:


• हरियाणा के करनाल और फरीदाबाद में बड़े भूखंड.


• दिल्ली और गुरुग्राम में आलीशान घर.


दो आरोपी गिरफ्तार, विदेश में भी हो रही जांच
इस मामले में 08 अक्टूबर 2024 को अपर्णा पुरी और राहुल सूद को गिरफ्तार किया गया. दोनों आरोपी अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और प्रमुख प्रबंधकीय अधिकारी (Key Managerial Personnel) थे. ईडी ने पाया कि लोन की रकम को फर्जी (शेल) कंपनियों के जरिए हेरफेर किया गया. यूके (UK) और यूएई (UAE) में भी आरोपियों और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच जारी.


जांच में हो सकते हैं और खुलासे
ईडी ने कहा है कि मामले की जांच अभी जारी है और घोटाले से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. बैंकों के लोन की हेराफेरी करने वाले ऐसे घोटाले देश की आर्थिक व्यवस्था को कमजोर करते हैं. ईडी ने साफ किया है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.



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